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कॉन्ट्रासेप्शन यूज़ कर सकते है।आइये जानते हैं कॉन्ट्रासेप्शन से जुड़े मिथ्स :
इसको कुछ लोग 'विथड्रावल मेथड भी कहते हैं लेकिन इस मेथड से प्रेगनेंट होने का खतरा कम नहीं होता। कभी-कभी पेनिस की टिप पे स्पर्म मौजूद होते हैं , जिसे प्रीकम भी कहते हैं।जिससे आप प्रेगनेंट हो सकते हैं।
स्पर्म वजाइना के अंदर कम से कम 3 से 4 दिन तक रहता हैं , तो पीरियड्स में भी सेक्स करने से प्रेगनेंट होना पॉसिबल हैं।
वजाइना में जैसे ही स्पर्म जायेगा, एग के साथ मिलेगा तो प्रेगनेंसी खुद से ही हो जाएगी।इसलिए अगर आप ये सोचते है कि पहली बार सेक्स करने से प्रेगनेंट नहीं होते तो ये गलत हैं।
इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव गोली इंटरकोर्स करने के 72 घंटे के अंदर ले सकते हैं। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी ले लेना चाहिए।
ये सिर्फ़ एक मिथ हैं। जैसे ही एक महिला कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करना बंद कर देगी , उसके पीरियड्स नार्मल हो जायेंगे।
वजाइना में जैसे ही स्पर्म जायेगा, एग के साथ मिलेगा तो प्रेगनेंसी खुद से ही हो जाएगी। ब्रैस्ट फीडिंग और वजाइना का कोई रिलेशन नहीं होता।
ये पॉसिबल हैं लेकिन इसके चान्सेस बहुत ही कम होते हैं।
IUDs की वजह से प्रेगनेंसी का ही खतरा कम हो जाता हैं , तो Ectopic प्रेगनेंसी भी नहीं होगी।
अभी तक कंटेम्पररी (contemporary) IUDs की वजह से इनफर्टिलिटी होने जैसा कोई कारण नहीं पाया गया हैं।
ऐसा कोई रूल नहीं होता , टीनएजर्स को जो भी मेथड सही लगे वो उसी मेथड को इस्तेमाल कर सकते हैं।
कॉन्ट्रासेप्शन से जुड़े 10 मिथ्स
1. "अगर ejaculate करने से पहले पेनिस (penis) को बाहर निकाल लिया जाये तो आप प्रेगनेंट (pregnant) नहीं होंगे" :
इसको कुछ लोग 'विथड्रावल मेथड भी कहते हैं लेकिन इस मेथड से प्रेगनेंट होने का खतरा कम नहीं होता। कभी-कभी पेनिस की टिप पे स्पर्म मौजूद होते हैं , जिसे प्रीकम भी कहते हैं।जिससे आप प्रेगनेंट हो सकते हैं।
2. "पीरियड्स में सेक्स करने से प्रेगनेंट नहीं होते" :
स्पर्म वजाइना के अंदर कम से कम 3 से 4 दिन तक रहता हैं , तो पीरियड्स में भी सेक्स करने से प्रेगनेंट होना पॉसिबल हैं।
3. "पहली बार सेक्स करने से प्रेगनेंट नहीं होते" :
वजाइना में जैसे ही स्पर्म जायेगा, एग के साथ मिलेगा तो प्रेगनेंसी खुद से ही हो जाएगी।इसलिए अगर आप ये सोचते है कि पहली बार सेक्स करने से प्रेगनेंट नहीं होते तो ये गलत हैं।
4. "इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव सिर्फ़ सेक्स करने के अगले दिन तक काम करती है" :
इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव गोली इंटरकोर्स करने के 72 घंटे के अंदर ले सकते हैं। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी ले लेना चाहिए।
5. "ज़्यादा टाइम तक कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करने से प्रेगनेंट होने की पॉसिबिलिटीज हमेशा के लिए कम हो जाती हैं" :
ये सिर्फ़ एक मिथ हैं। जैसे ही एक महिला कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करना बंद कर देगी , उसके पीरियड्स नार्मल हो जायेंगे।
6. "अगर आप ब्रैस्ट-फीडिंग कर रहे है तो आप प्रेगनेंट नहीं हो सकते" :
वजाइना में जैसे ही स्पर्म जायेगा, एग के साथ मिलेगा तो प्रेगनेंसी खुद से ही हो जाएगी। ब्रैस्ट फीडिंग और वजाइना का कोई रिलेशन नहीं होता।
7. "Intrauterine devices (IUDs) की वजह से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स में इन्फेक्शन हो सकता हैं":
ये पॉसिबल हैं लेकिन इसके चान्सेस बहुत ही कम होते हैं।
8. "IUDs की वजह से Ectopic प्रेगनेंसी हो सकती हैं" :
IUDs की वजह से प्रेगनेंसी का ही खतरा कम हो जाता हैं , तो Ectopic प्रेगनेंसी भी नहीं होगी।
9. "IUDs की वजह से इनफर्टिलिटी (infertility) हो सकती हैं" :
अभी तक कंटेम्पररी (contemporary) IUDs की वजह से इनफर्टिलिटी होने जैसा कोई कारण नहीं पाया गया हैं।
10. "Teenagers सिर्फ़ Condom और पिल्स ले सकते हैं" :
ऐसा कोई रूल नहीं होता , टीनएजर्स को जो भी मेथड सही लगे वो उसी मेथड को इस्तेमाल कर सकते हैं।