कैनेडा में रहने वाली न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर नादिया चौधरी की ओवेरियन कैंसर से हो गई मृत्यु। नादिया चौधरी ने ओवेरियन कैंसर से लड़ी लंबी लड़ाई।
जानिए कौन थी नादिया चौधरी
नदिया चौधरी एक डॉक्टर थी जिन्होंने पेनीसेलवेनिया के फ्रैंकलीन एंड मार्शल कॉलेज से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री पूरी की। यह डिग्री उन्होंने स्कॉलरशिप के बलबूते पाई थी। वह अपने कॉलेज की ऐसी पहली महिला थी जिन्हें कॉलेज का विलियमसन मेडल मिला है । ये कॉलेज में उत्कृष्ट परफॉर्मेंस के लिए मिलता है। 2005 में नादिया ने पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी से न्यूरोसाइंस में पीएचडी की डिग्री पूरी की।
पीएचडी की डिग्री पूरी करने के बाद नदिया ने सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्टोरियल फेलोशिप खतम की। नादिया ने अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद कॉन्कोर्डिया यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम करना शुरू किया। नादिया यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करती।
नदिया चौधरी है महिलाओं के लिए प्रेरणा का कारण (Nadia Chaudhari Passes Away)
नदिया चौधरी ने ट्विटर पर 1,48000 फॉलोवर्स हासिल किए थे। नादिया ट्विटर पर कैंसर के बारे में बताती और कैंसर से लड़ाई के बारे में लोगो को जागरूक करती थी। नादिया महिलाओं को होने वाले कैंसर पर ज्यादा ध्यान देने की बात करती थी। इस साल के मई में नादिया चौधरी ने एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिसमें वो कह रही है की आज वो दिन है जिस दिन मैं अपने बेटे को बताऊंगी की मैं मरने वाली हु, मेरे आसू बहते रहे और मैं अपने बेटे को समझा सकू।
बीमार होने के बावजूद नादिया ने उन लोगों की मदद करने की कोशिश की जो न्यूरोसाइंटिस्ट बनना चाहते थे लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं है। नाजिया ने एक कैंपेन शुरू किया था जिसके मदद से उन्होंने $615,000 का फंड जमा किया ताकि गरीब बच्चे न्यूरोसाइंटिस्ट की पढ़ाई पूरी कर सके।