नीम एक आयुर्वेदिक चमत्कार है। नीम अपनी एन्टी-बैक्टीरियल और एन्टी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ के लिए जाना जाता है। यह हमारी त्वचा की सुरक्षा करता है। इसमें कुछ ऐसे विटामिन्स होते हैं जो हमारी त्वचा को लचीला और मुलायम बनाते हैं। नीम के फ़ायदे - :
1) अनाज में कीड़े नहीं पड़ते
नीम के पत्तों को गेहूँ, मक्की, दालें आदि अनाज में रखने से वे खराब नहीं होते और उनमें कीड़े नहीं पड़ते।
2) नीम का जूस
नीम के कोमल पत्तों को चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में पीसकर उसका जूस बनाकर भूखे पेट पिया जाता है। इस महीने में नीम के पेड़ पर नयी कोपलें आती हैं जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है।
3) शरीर में कोई बीमारी नहीं होती
प्रतिदिन नीम के पत्तों का सेवन करने से गैस-एसिडिटी की तकलीफ़ दूर होती है और बुखार व अन्य बीमारियाँ भी शरीर को नहीं छूती।
4) शरीर को ठंडक
पाँच से छः पत्तियों का रोज़ खाली पेट सेवन करने से शरीर को ठंडक भी मिलती है। यह गर्मियों के मौसम में एक रामबाण औषधि है।
5) खून - संबंधी रोग
यदि रोज़ थोड़ी मात्रा में नीम लिया जाए तो हमारा खून इससे साफ़ एवं पतला रहता है।
6) दाँतों की सफ़ाई
नीम की डाली से मंजन करने पर हमारे दाँत और मसूड़े दोनों ही सुरक्षित एवं मज़बूत रहते हैं। यह हमें मुँह में रहने वाले बैक्टीरिया और कैविटीज से बचाता है।
7) डेंड्रफ का इलाज
नीम के पेड़ पर लगने वाले फल जिसे निम्बूडी कहते हैं, उसके रस को बालों में लगाने से डेंड्रफ की समस्या से निजात मिलता है।
8) पिम्पल्स से बचाव
नीम हमारे चेहरे पर पिम्पल्स और एक्ने को कम करने में भी मदद करता है। हम नीम का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं।
जैसे हम नीम और मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट बनाकर लगा सकते हैं।
या फिर हम चंदन पाउडर, गुलाब जल और नीम का भी पेस्ट बना सकते हैं।
9) मच्छरों से सुरक्षा
नीम के पत्तों को जलाने से जो धुआँ निकलता है उससे मच्छर दूर भाग जाते हैं। ऐसा करने से पत्तों का कचरा भी जल जाता है और हमारा नेचुरल मोस्क्विटो किलर भी बन जाता है।
10) नीम के पानी का असर
गर्मियों में नीम के पानी से नहाने पर गमोरियाँ नहीं होती।
यदि हमें चिकेनपॉक्स (एक तरह की बीमारी) हो जाये तो नीम के पानी से नहाने की सीख दी जाती है। इससे शरीर को आराम मिलता है।
ये थे नीम के फ़ायदे