Osteoarthritis Symptoms & Treatment: हमारे जोड़ो की हड्डियों पर कार्टिलेज की कुशनी परत चढ़ी होती है जो काफ़ी लचीली और मज़बूत होती है। यह हड्डियों को बचाती है, उन्हें एक साथ जोड़े रखती है परंतु किसी कारणों की वजह से यह कमज़ोर होने लगती है। उनमें से ओस्टियोआर्थराइटिस भी एक कारण है। आइए जानते है इसके बारे में-
क्या है ओस्टियोआर्थराइटिस?
ओस्टियोआर्थराइटिस एक बीमारी है जो हड्डियों पर चढ़ी कार्टिलेज की परत को कमज़ोर करती है। हड्डियों में सूजन, दर्द, अकड़न की समस्या आने लगती है। व्यक्ति ज़्यादा काम नहीं कर पाता और भारी सामान नहीं उठा पाता है। हड्डियों में सूजन बढ़ जाती है। जोड़ो का सरफेस रुखा, रफ़ लगने लगता है। ज़्यादातर व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं चल पाता क्योंकि इसके एक-दो लक्ष्णों से इसका पता लगाना मुश्किल होता है। समय के साथ बुढ़ापा आने की वजह से भी यह सब होता है।
ओस्टियोआर्थराइटिस होने के क्या कारण हो सकते है?
यह 40 साल से ज़्यादा लोगों में पाया जाता है। अक्सर जो लोग ओवेरवेट होते है या भारी सामान उठाते है, अपनी पीठ पर बोझ डालते है उन्हें इसकी शिक़ायत रहती है। हमारी जीवनशैली भी इसका एक कारण हो सकती है। हड्डियों में कैल्शियम की कमी होना, कोई चोट लगने से या जन्म के वक़्त हड्डी कमज़ोर होना इसके कारण हो सकते है। इसकी पहचान आप डॉक्टर से जांच करा कर पता कर सकते है क्योंकि इसके लक्षण से इसका पता लगाना मुश्किल है।
ओस्टियोआर्थराइटिस से कैसे बचाव करें?
ज़्यादातर इसके इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह ली जाती है। आप इससे बचाव के लिए व्यायाम को अपना सकते है। नियमित व्यायाम करने से इसका ख़तरा कम होता है। रोज 30-40 मिनट तक व्यायाम करने से ख़तरा टल सकता है। खाने में हरी सब्जियाँ, दूध, विटामिन-C युक्त फलों का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलेगी। अपने डाइट प्लान से ड्राई फ्रूट्स भी शामिल करें। मीट, मछली और ज़्यादा ठंडी चीज़ों का सेवन कम करें।