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ओवेरियन कैंसर
यह कैंसर ओवरी से शुरु होता है। ओवरी महिलाओं में पाई जाने वाली प्रजनन ग्रंथियां हैं। ओवरी प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करता है। ओवरी फैलोपियन ट्यूब्स से गर्भाशय में जाते हैं। जहां निषेचित अंडा प्रवेश करता है और भ्रूण विकसित होता है। अंडाशय महिलाओं में हारमोंस एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का मुख्य स्त्रोत है। ओवरी में किसी भी तरह के कैंसर का विकास ही ओवेरियन कैंसर है।
यह ज्यादातर ओवरी की बाहरी लेयर से पैदा होता है इसे ओवेरियन सिस्ट कहते है। कई मामलों में यह सिस्ट बिल्कुल सामान्य होती है लेकिन अगर यह परत सामान्य से ज्यादा मोटी है तो यह पीरियड्स पर असर डालती है। साथ ही, प्रेगनेंसी के लिए भी खतरनाक है। हालांकि यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह ज्यादातर मामलों में 50-60 साल की महिलाएं को होता हैं।
1.सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर
2.जर्म सेल ट्यूमर
3.एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी)
4.ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी)
इसके लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर शिकायत पेट दर्द से रिलेटेड होते हैं। जिन्हें रोज़ाना की प्रॉब्लम्स समझ कर इग्नोर कर दिया जाता है। कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं जैसे:-
1.कमर दर्द,
2.जांघों में दर्द,
3.पेट पर सूजन व दर्द,
4.यूरिनेशन,
5.अनियमित पीरियड्स,
6.उबकाई या ऊल्टी आने की स्थिति,
7.वजन घटना,
8.सांस फूलना थकान,
9.भूख की कमी
1.ब्रेस्टफीडिंग कराने से ओवेरियन और फैलोपियन ट्यूब के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
2.जिन महिलाओं को हिस्टरेक्टोमी या ट्यूबल लाइगेशन जैसी सर्जरी हो चुकी हो, उनको भी इस कैंसर का खतरा कम होता है।
3.फलों और सब्जियों का अधिक सेवन, धूम्रपान और शराब से दूरी, नियमित रूप से व्यायाम सेहत के लिए लाभदायक और कैंसर का खतरा भी कम रहता है।
4.गर्भनिरोधक गोलियां भी महिलाओं में इसके खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं।
क्या है ओवेरियन कैंसर? (ovarian cancer)
यह कैंसर ओवरी से शुरु होता है। ओवरी महिलाओं में पाई जाने वाली प्रजनन ग्रंथियां हैं। ओवरी प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करता है। ओवरी फैलोपियन ट्यूब्स से गर्भाशय में जाते हैं। जहां निषेचित अंडा प्रवेश करता है और भ्रूण विकसित होता है। अंडाशय महिलाओं में हारमोंस एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का मुख्य स्त्रोत है। ओवरी में किसी भी तरह के कैंसर का विकास ही ओवेरियन कैंसर है।
यह ज्यादातर ओवरी की बाहरी लेयर से पैदा होता है इसे ओवेरियन सिस्ट कहते है। कई मामलों में यह सिस्ट बिल्कुल सामान्य होती है लेकिन अगर यह परत सामान्य से ज्यादा मोटी है तो यह पीरियड्स पर असर डालती है। साथ ही, प्रेगनेंसी के लिए भी खतरनाक है। हालांकि यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह ज्यादातर मामलों में 50-60 साल की महिलाएं को होता हैं।
ओवेरियन कैंसर के प्रकार
1.सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर
2.जर्म सेल ट्यूमर
3.एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी)
4.ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी)
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
इसके लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर शिकायत पेट दर्द से रिलेटेड होते हैं। जिन्हें रोज़ाना की प्रॉब्लम्स समझ कर इग्नोर कर दिया जाता है। कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं जैसे:-
1.कमर दर्द,
2.जांघों में दर्द,
3.पेट पर सूजन व दर्द,
4.यूरिनेशन,
5.अनियमित पीरियड्स,
6.उबकाई या ऊल्टी आने की स्थिति,
7.वजन घटना,
8.सांस फूलना थकान,
9.भूख की कमी
इससे बचने के उपाय
1.ब्रेस्टफीडिंग कराने से ओवेरियन और फैलोपियन ट्यूब के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
2.जिन महिलाओं को हिस्टरेक्टोमी या ट्यूबल लाइगेशन जैसी सर्जरी हो चुकी हो, उनको भी इस कैंसर का खतरा कम होता है।
3.फलों और सब्जियों का अधिक सेवन, धूम्रपान और शराब से दूरी, नियमित रूप से व्यायाम सेहत के लिए लाभदायक और कैंसर का खतरा भी कम रहता है।
4.गर्भनिरोधक गोलियां भी महिलाओं में इसके खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं।