भारतीय महिलाओं को किस तरह सामना करना पड़ता है पीरियड शेमिंग का
पीरियड शेमिंग, लड़कियों को पीरियड होना ,इंसान के सांस लेने जितना ही नार्मल है। लेकिन न जाने फिर भी क्यों हम इसे अपना नहीं पा रहे हैं। आज 2021 में रहने के बाद भी कई तरह की पुरानी सोच और ग़लतफ़हमी चली आरही हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा की हर लड़की को मेंटस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में सिखाएं और पढ़ाएं और कभी किसी लड़की को अपने पीरियड की वजह से कहीं पीछे न हटना पड़े।
कुछ भारतीय महिलाओं ने पीरियड में उनके साथ होने वाले व्यवहार के बारे में बताया जिसे जानकर आप हैरान हो जायेंगे। आइये पढ़ते हैं केसा व्यवहार होता है महिलाओं के साथ पीरियड्स में।
पीरियड शेमिंग, मानसी की कहानी
26 वर्ष की मानसी ने बताया की जब भी वे पीरियड्स से होती हैं तो उन्हें उनके बच्चों से अलग कर दिया जाता है। और उन्हें एक अलग काले कमरे में रख दिया जाता है। उनके साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जाता है। उनकी खुदकी माँ उन्हें किचन में नहीं जाने देती। और घर में मेहमान आते हैं तो उन्हें भी ऐसा व्यवहार देख कर समझ आजाता है की वह पीरियड्स में हैं और वह भी उन्हें ताना मरते हैं।
पीरियड शेमिंग, कविता की कहानी
कविता ने बताय की उनके यहां पीरियड के समय चौथे दिन उनकी शादी बरगद के पेड़ से कराई जाती है। पीरियड्स में लड़कियों को खाना देने से भी इंकार कर देते हैं। और उन्हें अशुद्ध मन जाता है और उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे की उन्हें कोई अछूत बीमारी हो गयी हो। और उन्हें बंद अँधेरे कमरे में रख दिया जाता है जिससे वह बीमारी फैले नहीं।
मैत्रेयी की कहानी
मैत्रेयी ने बताया की जब वह अपने एक रिश्तेदार के घर गयीं तो वहां पर उनकी एक रिश्तेदार जो पीरियड्स में थी उनको नीचे ज़मीन पर बैठने को बोलै और सोफे, टेबल ,बिस्तर पर बैठने से मना कर दिया। कुछ घरों में ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे की पीरियड्स से चीज़ें गन्दी न हो जाएं और कुछ जगह ऐसा पीरियड शेमिंग की वजह से किया जाता है।
हालांकी दोनों ही वजह से ऐसा करना गलत है।