गर्भावस्था में मां को बहुत ही सावधानी बरतनी होती है। क्योंकि इस दौरान उससे पेट में पल रहा नूबोर्न भी जुड़ा होता है। ऐसे में मां की ओर से की गई लापरवाही नूबोर्न को भी असर करती है और इसका असर उसके विकास पर पड़ता है। प्रेगनेंसी में मां के लाइफस्टाइल का असर
ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान मां को बेहतर लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए। इर्रेगुलर जीवनशैली पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। इसी में से एक है मोटापा। मां के गलत लाइफस्टाइल से पेट में पल रहे बच्चे का मोटापा बढ़ सकता है और ये दोनों के लिए खतरनाक है।
गलत लाइफस्टाइल से होने वाले बच्चे पर असर (pregnancy me maa ke lifestyle ka asar)
- अगर मां का लाइफस्टाइल प्रेग्नेंसी के दौरान सही नहीं है तो बच्चे पर बहुत असर पड़ता है। अगर मां इस दौरान बहुत ज्यादा खाती है, तो इससे बच्चा मोटा हो जाता है। मोटे बच्चे की डिलिवरी में काफी दिक्कत आती है।
- अगर मां लंबे समय तक नहीं खाती है या खाली पेट रहती है, तो ये भी बच्चे के लिए खतरनाक है। दरअसल खाली पेट रहने से मां को डायबिटिज होने का खतरा रहता है। इस स्थिति में भी बच्चा मोटा हो सकता है और डिलिवरी में दिक्कत आ सकती है।
- मोटे बच्चे की नॉर्मल डिलिवरी होने की संभावना बहुत कम होती है। दरअसल नॉर्मल डिलिवरी के दौरान बच्चे का कंधा फंसने का खतरा रहता है। इससे बच्चे की मौत भी हो सकती है।
- अगर किसी तरह बच्चे का जन्म ठीक से हो भी जाए, तो समस्या बाद में भी बनी रहती है। दरअसल मोटे बच्चे को सांस लेने के अलावा कई अन्य तरह की परेशानियां आती हैं।
- इस तरह के केस में जल्दी डिलीवरी , मां को हाइपरटेंशन व प्रीक्लेम्सिया होने का भी खतरा रहता है।
- गर्भ में बच्चे के मोटे होने से जन्म के बाद ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है।
- बच्चा मोटा हो और ज्यादा वजन हो तो सिजेरियन डिलिवरी कराना पड़ता है। इस दौरान घाव का इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है।
- इसके अलावा इस स्थिति में नसों या फेफड़ों में खून का थक्का बनने का भी खतरा रहता है। प्रेगनेंसी में मां के लाइफस्टाइल का असर