प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन के कारण: वैसे तो किसी भी महिला के लिए मां बनना सबसे सुखद अनुभव होती है |और जब वह प्रेग्नेंट होती है, तो बच्चे के आने को लेकर काफी खुश होती है। पर इस खुशी के पीछे काफी तकलीफ भी होती है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है ब्रेस्ट पेन (Breast Pain) यानी स्तनों में दर्द। यूं तो प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दर्द सामान्य बात है।
आमतौर पर स्तनों (ब्रेस्ट ) में दर्द गर्भावस्था ( प्रेगनेंसी ) की पहली तिमाही (First quarter )में शुरू होता है और पहली-दूसरी तिमाही (quarter ) के शुरुआत में समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं कि यह दर्द क्यों होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन होने के क्या हैं कारण
- ब्रेस्ट अल्सर – ब्रेस्ट के अंदर तरल पदार्थ से भरी थैलियां होती हैं, जिसे ब्रेस्ट अल्सर कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान ये पानी से भरे गुब्बारे गोल गांठ के रूप में महसूस किए जा सकते हैं। इससे भी स्तनों में दर्द होता है।
- स्तन से रिसाव (Breast leak )– प्रेग्नेंसी में कई गर्भवतियों के स्तन से रिसाव होता है, जो दर्द का कारण बनता है। यह तब शुरू होता है जब महिला के स्तन में कोलोस्ट्रम का उत्पादन शुरू हो जाता है। यह एक मोटा तरल पदार्थ होता है जो नवजात के जन्म के शुरुआती दिनों में पोषण प्रदान करता है। यह तरल पदार्थ ब्रेस्ट पर मसाज करने या फिर यौन उत्तेजना के कारण निकलता है।
- हार्मोन में बदलाव - हर्मोन में बदलाव भी गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द का एक बड़ा कारण है। दरअसल चक्र में परिवर्तन होने के कारण अक्सर ब्रेस्ट में पेन होता है। इसके अलावा Menopause में हार्मोन के उतार-चढ़ाव से एस्ट्रोजन की कमी के कारण भी स्तनों में दर्द होता है।
- ब्रेस्ट में बदलाव – प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दूध बनाने वाली कोशिकाएं (cells )और दूध नलिकाएं (Ducts ) बनती हैं। इस कारण स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है। गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में स्तन का कप साइज तेजी से बढ़ता है और स्तन के नीचे Fat की परत जमा होने का खतरा रहता है। इन कई कारकों से गर्भावस्था में स्तन दर्द की समस्या आती है।
- दवाओं की वजह से – डॉक्टरों के अनुसार, जन्म नियंत्रण और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, निर्धारित दवाओं के दो ऐसे प्रकार हैं, जिनके कारण ब्रेस्ट में दर्द की समस्या आती है। दरअसल इसकी बड़ी वजह इन दोनों दवाओं में पाया जाने वाला हार्मोन का प्रभाव है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन इन दवाओं में मौजूद ऐसी ही घटक हैं, जो रजोनिवृत्ति के दौरान गर्भवती के इन हार्मोन को प्राकृतिक रूप से बाधित करते हैं और स्तनों में दर्द का कारण बनते हैं।
- ठीक ब्रा न पहनने से - कई मामलों में देखने में आया है कि फिटिंग वाली ब्रा न पहनने से भी गर्भवास्था के दौरान स्तनों में दर्द की समस्या होती है। अगर ब्रा बहुत तंग है व उसके कपड़े छोटे हैं, तो आंतरिक तार से आपके स्तनों पर दबाव बढ़ता है और इससे दर्द की समस्या आती है।
- एक्सरसाइज – गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द की एक वजह एक्सरसाइज भी है। दरअसल एक्सरसाइज के दौरान ब्रेस्ट के Tissues में खींच को रोकने के लिए पर्याप्त सपोर्ट की जरूरत होती है, सपोर्ट न मिलने से इनमें दर्द होने लगता है। अगर एक्सरसाइज करती हैं, तो उचित स्पोर्ट्स ब्रा जरूर पहनें।
- कैफीन - चाय, कॉफी, सोडा और चॉकलेट में सामान्य रूप से मौजूद कैफीन रक्त वाहिकाओं को फैलाते हैं। इससे भी स्तनों में दर्द की समस्या होती है।
- फाइब्रोसिस्ट – फाइब्रोसिस्ट भी प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन की एक वजह है। एक्सपर्ट का कहना है कि फाइब्रोसिस्ट स्तन परिवर्तन में, स्तन के Fibrous tissues में छोटे सिस्ट बनाते हैं, जो द्रव से भर जाते हैं और इसमें सूजन हो जाती है। इससे ब्रेस्ट में पेन होता है।