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प्रेगनेंसी के दौरान मां और बच्चा दोनों की सेहत को लेकर घर के बड़ो की तरह -तरह की मान्यता होती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि बड़ो की बताई गई इन धारणाओं के पीछे कोई साइंटिफिक प्रूफ है या नहीं ? प्रेगनेंसी को लेकर इंडियन फैमिलीज़ में तरह -तरह के मिथ है। आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही प्रेगनेंसी मिथ के बारे में और उससे सम्बंधित फैक्ट भी जानिएगा। pregnancy myths hindi
परिवार में अक्सर बड़े बुज़ुर्गो का कहना होता है कि अगर पेट नीचे की ओर झुका हो तो लड़का होगा और अगर पेट ऊपर की ओर उठा हो तो लड़की पैदा होती है ,लेकिन इस बात का साइंटिफिक तौर पर कोई प्रूफ नहीं है।
मां के गर्भ का आकार उनके पेट और मसल्स की बनावट के हिसाब से बढ़ता है। कई बार जुड़वा बच्चे या fetus में बेबी की पोजीशन के हिसाब से पेट का साइज बदलता है , लेकिन पेट के आकार से बच्चे का जेंडर नहीं पता लगाया जा सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान मां को आराम और देखभाल की बहुत जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि महिलाओं को बिल्कुल भी काम नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने डेली रुटीन के हल्के फुल्के काम खुद करने चाहिए, क्योंकि बहुत ज्यादा आराम से भी डिलीवरी में प्रॉब्लम आ सकती है।
आपने अपनी दादी या मां के मुंह से सुना होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान जिन महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा ग्लो होता है उन्हें लड़की होती है। ये बल्कुल मनगढ़ंत बात है। प्रेगनेंसी के दौरान खाने पीने और हार्मोनल बदलाव से स्किन ग्लो करती है।
अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान केसर वाला दूध यह कहकर पिलाया जाता है कि इससे गर्भ में पल रहा शिशु गोरा होगा। जबकि बच्चे की स्किन का कलर जेनेटिक होता है ,जींस पर डिपेंड करता है।
अक्सर ऐसा मानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अगर मुंहासे होते हैं तो उन्हें बेटी होगी। यह बिल्कुल निराधार है। प्रेगनेंसी के दौरान मुंहासे हार्मोनल चेंजिस या ऑयली डाइट की वजह से हो सकता हैं पर इस बात का बेबी के जेंडर से कोई रिलेशन नहीं होता।
ये थे कुछ pregnancy myths hindi
प्रेगनेंसी के दौरान बेहद आम है ये 5 मिथ :
मिथ - गर्भ को देखकर ही बच्चे का जेंडर पता लगाया जा सकता है
परिवार में अक्सर बड़े बुज़ुर्गो का कहना होता है कि अगर पेट नीचे की ओर झुका हो तो लड़का होगा और अगर पेट ऊपर की ओर उठा हो तो लड़की पैदा होती है ,लेकिन इस बात का साइंटिफिक तौर पर कोई प्रूफ नहीं है।
मां के गर्भ का आकार उनके पेट और मसल्स की बनावट के हिसाब से बढ़ता है। कई बार जुड़वा बच्चे या fetus में बेबी की पोजीशन के हिसाब से पेट का साइज बदलता है , लेकिन पेट के आकार से बच्चे का जेंडर नहीं पता लगाया जा सकता है।
मिथ - प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम करे
प्रेगनेंसी के दौरान मां को आराम और देखभाल की बहुत जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि महिलाओं को बिल्कुल भी काम नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने डेली रुटीन के हल्के फुल्के काम खुद करने चाहिए, क्योंकि बहुत ज्यादा आराम से भी डिलीवरी में प्रॉब्लम आ सकती है।
मिथ - प्रेगनेंट मां के चेहरे से पता लग जाता है बच्चे का जेंडर
आपने अपनी दादी या मां के मुंह से सुना होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान जिन महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा ग्लो होता है उन्हें लड़की होती है। ये बल्कुल मनगढ़ंत बात है। प्रेगनेंसी के दौरान खाने पीने और हार्मोनल बदलाव से स्किन ग्लो करती है।
मिथ - दूध में केसर डालकर पीने से बच्चा गोरा पैदा होगा
अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान केसर वाला दूध यह कहकर पिलाया जाता है कि इससे गर्भ में पल रहा शिशु गोरा होगा। जबकि बच्चे की स्किन का कलर जेनेटिक होता है ,जींस पर डिपेंड करता है।
मिथ - गर्भावस्था में मुंहासों (Acne) से बच्चे का जेंडर जान सकते है
अक्सर ऐसा मानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अगर मुंहासे होते हैं तो उन्हें बेटी होगी। यह बिल्कुल निराधार है। प्रेगनेंसी के दौरान मुंहासे हार्मोनल चेंजिस या ऑयली डाइट की वजह से हो सकता हैं पर इस बात का बेबी के जेंडर से कोई रिलेशन नहीं होता।
ये थे कुछ pregnancy myths hindi