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वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट: जानिए क्या है इसको लेकर आपके अधिकार

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Swati Bundela
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किसी भी तरह का अनवांटेड और सेक्सुअली डेटर्मिन्ड फिजिकल, वर्बल या नॉन-वर्बल कंडक्ट सेक्सुअल हैरासमेंट का हिस्सा होता है। सीधी भाषा में समझा जाए तो किसी भी तरह का सेक्सुअल बेहेवियर जो आपको अनकम्फर्टेबल कर दें वो सेक्सुअल हैरासमेंट में आता है। आजकल वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट के केसेस बढ़ गए हैं और इसलिए खुद की रक्षा करना और ऐसे किसी बेहेवियर को टॉलरेट ना करते हुए इसकी कम्प्लेन करना ज़रूरी है। वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट आपके मौलिक अधिकार का हनन है और इसके खिलाफ चुप रहना गलत है।

जानिए वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट से जुड़ी सारी बातें:

पहचानिए अन्वेलकम एक्ट्स को

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वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट से खुद को प्रोटेक्ट करने का सबसे आसान तरीका है अपने आस-पास के लोगों के वेलकम और अन्वेलकम एक्ट्स को पहचानना। किसी भी एक्ट के कारण अगर आपको इर्रिटेशन फील हो, सेल्फ-रेस्पेक्ट में कमी महसूस हो और अनवांटेड सा लगे तो वो उनवेलकम एक्ट्स है और अगर सही वक़्त पर इन्हें पहचान लिया जाए तो इन्हें अवॉयड करना आसान हो सकता है। ऐसे एक्ट्स इललीगल भी फील हो सकते हैं और आपको काफी ज़्यादा दुखी भी कर सकते हैं।

क्या कहता है इसके प्रति बनाया गया कानून?

सेक्सुअल हैरासमेंट ऑफ़ वीमेन एट वर्कप्लेस प्रिवेंशन एक्ट 2013 के अंतर्गत हर महिला को वर्कप्लेस में सेफ्टी, इक्वलिटी और इज़्ज़त का अधिकार है। ये एक्ट हर आर्गनाइज्ड और अनऑर्गनिज़ेड सेक्टर के वर्कप्लेस के लिए सेम है।

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किन महिलाओं को मिलती है इस एक्ट से प्रोटेक्शन?

हर महिला जो अपने वर्कप्लेस में, किसी और के वर्कप्लेस में विजिट के दौरान या फिर स्टडीज के दौरान किसी तरह के हैरासमेंट का शिकार होती है वो इस एक्ट के मदद से अपना प्रोटेक्शन कर सकती है। है डोमेस्टिक वर्कर, डेली वेजर, वालंटियर, एजेंसी द्वारा हायर्ड एम्प्लोयी, किसी भी तरह की ट्रेनी, अपरेंटिस और कोई भी और जो किसी वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट का शिकार होती है वो इस एक्ट का सहारा ले सकती है।

क्यों गलत है वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट?

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वर्कप्लेस में सेक्सुअल हैरासमेंट से ना सिर्फ आपके मेन्टल हेल्थ पर असर पड़ता है बल्कि आपकी प्रोडक्टिविटी भी गिर जाती है और आपके सेल्फ-रेस्पेक्ट में भी गिरावट होती है। कानून के हिसाब से आपके वर्कप्लेस में एक "इंटरनल कम्प्लेंट्स कमिटी" का होना ज़रूरी है जिसमें करीब 50 प्रतिशत महिलाएं हो जहाँ कोई भी सेक्सुअल हैरासमेंट के केसेस को दर्ज कर पाए।अगर आप अनऑर्गनिज़ेड सेक्टर की एम्प्लोयी हैं या फिर आपके वर्कप्लेस में 0 से कम महिलाएं हैं तो आप लोकल कम्प्लेंट्स कमिटी के पास भी कंप्लेंट कर सकती हैं जो डिस्ट्रिक्ट लेवल पर काम करता है।

क्या लिखा जाता है कंप्लेंट में?

कमिटी को दिए गए कंप्लेंट में आपके द्वारा फेस किये गए हर इंसिडेंट की लिखित जानकारी होती है इसमें हर इवेंट की लोकेशन, डेट, टाइमिंग, और दोषी के साथ आपका वर्किंग रिलेशन भी मेंशन किया जाता है। याद रखिये कि इस पूरे प्रकरण में आपकी आइडेंटिटी को गुप्त रक्खा जाता है।

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