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School Reopening: बच्चों को स्कूल भेजने से पहले सिखाएं ये 4 आदतें

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Swati Bundela
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School Reopening: कोरोना के इस दौर में करीब 2 सालों से स्कूल कॉलेजों को बंद रखा गया। सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर हुआ है और स्कूल का एनवायरनमेंट न मिलने की वजह से कई बच्चों का भविष्य भी अँधेरे में पड़ गया है। लेकिन वैक्सीन आने के बाद और अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू करते हुए सरकार को करीब 2 से 3 महीने हो गए हैं। इसीलिए सरकार ने अब स्कूल और कॉलेजों को खोलने का निर्णय लिया है। स्कूलों और कॉलेजों को दुबारा खोले जाने पर सरकार को बहुत ही एहतियाद से काम लेना होगा। खास कर परेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चों को खुस ख़ास बातें समझा कर ही स्कूल भेजें -

School Reopening : बच्चों को स्कूल भेजने से पहले सिखाएं ये 4 आदतें  



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1. मास्क को बनाये दोस्त

स्कूल और कॉलेजों को खोलने का निर्णय ले लिया गया है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कोरोना का खतरा टला गया है। बच्चों के पेरेंट्स को इस बात को समझना चाहिए कि स्कूल कॉलेज खुल जाने से कोरोना का खतरा खत्म नहीं हुआ है, इसीलिए अपनी तरफ से बच्चों को पूरी तरह से तैयार रखें। उन्हें समझाएं कि मास्क लगाना कितना जरुरी है। मास्क से बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है।

2. सैनिटाइज़र हमेशा रहें पॉकेट में

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बच्चों को सैनिटाइज़र रखने कि आदत डलवाएं। चाहें दोस्‍तों के साथ खेलने जाने पर, परिवार के साथ कहीं बाहर घूमने जाने पर, स्‍कूल या कोचिंग में भी हर बच्‍चे को अपना अलग सैनिटाइजर लेकर जाना है। किसी भी चीज को छूने पर बच्‍चे को हर 20 से 30 मिनट में हाथों को सैनिटाइज करने की आदत डालें। इससे बच्चों को अपने हेल्थ के साथ साथ अपने आस-पड़ोस में भी अवेयरनेस मिलेगी।

3. वैक्सीन के लिए करें तैयार

सरकार ने 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने को कंपल्सरी कर दिया है,लेकिन जल्द ही छोटे बच्चों के लिए भी वैक्सीन लगेगी। इसीलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चों को मेंटली तैयार करें ताकि वो वैक्सीन को लेकर दरें न।

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4. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए घर से ट्रेनिंग

बच्चों को करीब डेढ़ साल बाद स्कूल जाने और कॉलेजों में पढ़ने को मिलेगा।इतने समय से ऑनलाइन पढ़ते हुए बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग में थे लेकिन अचानक से स्कूल-कॉलेजों के खुल जाने से ये मतलब नहीं कि सोशल डिस्टेंसिंग खत्म हो गयी है। बल्कि अपने बच्चों को घर से ही ट्रेनिंग देना शुरू करें। स्कूल में सभी बच्चों के साथ स्टाफ और टीचर्स के साथ सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन करने के लिए बच्चों को घर से तैयार करें। उन्हें घर से ही समझाएं कि सोशल डिस्टेंसिंग कितना जरुरी है।



सेहत पेरेंटिंग
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