स्क्रब टाइफस के लक्षण और उपचार: डेंगू से मिलती जुलती बीमारी इन दिनों यूपी में अपना कहर बरसा रहीं है। स्क्रब टाइफस नाम की ये बीमारी पुरे यूपी में मिस्ट्री फीवर के नाम से काफी चर्चा में है। ये एक वेक्टर बॉर्न बीमारी है। स्क्रब टाइफस किसी वायरस के कारण नहीं बल्कि बैक्टीरिया के कारण होता है। यूपी में फ़िरोज़ाबाद के बाद अब मथुरा में इस रहस्यमय बीमार से करीब 29 लोगों की जान जा चुकी है। जिनमें ज्यादातर बच्चें हैं। आईये जाने इस बीमारी के लक्षण और इसका उपचार-
स्क्रब टाइफस के लक्षण और उपचार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगरा और मथुरा में मिस्ट्री फीवर यानि स्क्रब टाइफस की चपेट में आये लोगों में एक कॉमन लक्षण देखा गया। इसमें मरीज़ों ने काफी तेज़ बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत दर्ज़ कराई। एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स के अनुसार, ये एक फैलने वाली बीमारी है जो संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से लोगों में फैलता है।
स्क्रब टाइफस के अन्य सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, रैशेज और चिगर्स के काटने वाली जगह पर पपड़ी का जमा होना भी शामिल हैं इसके अलावा, मानसिक परिवर्तन, भ्रम से लेकर कोमा तक इसके लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, गंभीर रूप से बीमार होने पर ऑर्गन फेलियर और ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है जिसका सामन्य इलाज न करने पर जान का खतरा भी हो सकता है।
इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए अपने आस-पास सफाई अपर विशेष ध्यान दें और घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। डॉक्टरों के अनुसार, स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने के तुरंत बाद एंटीबायोटिक्स सबसे प्रभावी होते हैं।
इसीलिए डॉक्टर के पास ले जाने से पहले घरेलु उपचार के तौर पर एंटीबायोटिक्स देना सेफ है।
इस बात का ध्यान रखिये कि ये बीमारी चूहों में एक तरह के कीड़े के कारण फैलती है, इसीलिए अपने घर में अच्छे से पेस्ट कण्ट्रोल करवाएं और खाने-पीने कि चीज़ों में विशेष सावधानी बरतें।जानवरों से फैलने वाली ये बीमारी से पीड़ित ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हैं। इस बीमारी में तेज़ी से प्लैटलैट्स गिरने लगते हैं, जो कि चिंता का विषय है। इसीलिए इस तरह के लक्षण दिखने पर बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।