U.P. में मिस्ट्री फीवर का कहर: कोरोना संक्रमण के बीच अब एक नई बीमारी की दस्तक ने सबको परेशान कर दिया है। अभी तक पूरा देश कोरोना महामारी से पूरी तरह उभरा भी नहीं है और एक नई महामारी की चपेट में यूपी के कई जिले आ गये हैं। यूपी के कई शहरों में अचानक ही तेज़ बुखार और साँस लेने में तकलीफ की समस्या सामने आयी है। बताया जा रहा है कि इस रहस्यमय बीमारी के ज्यादातर शिकार छोटे बच्चे हो रहे हैं।
U.P. में मिस्ट्री फीवर का कहर
यूपी के फ़िरोज़ाबाद में इस रहस्यमय बीमारी कि चपेट में काफी लोग आये। जब तक बीमारी की पहचान होती या संक्रमण को रोका जाता, ये मिस्ट्री फीवर का कहर मथुरा तक पहुँच गया। मथुरा के कोह गांव में मिस्ट्री फीवर के कई मामले सामने आए हैं। इसके चलते पिछले कुछ दिनों में कई बच्चे मौत की चपेट में आ चुके हैं। मथुरा स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल मरीज़ों को आवश्यक दवाएं उपलब्ध करायी है और संक्रमण के सम्बन्ध में अलर्ट भी जारी किया है।
आखिर क्या है मिस्ट्री फीवर का सच
रिपोर्ट्स के अनुसार, अनजाने बुखार से हो रहीं लगातार मौतों के लिए डॉक्टरों की टीम ने स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) को जिम्मेदार ठहराया है। ये डेंगू की तरह ही एक बीमारी है जो वायरस नहीं बल्कि बैक्टीरिया से फैलती है।स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से लोगों में फैलता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपी) के अनुसार, स्क्रब टाइफस भारत के कई हिस्सों में फैल चुका है। जिसमें जम्मू से लेकर नागालैंड और अन्य हिमालय बेल्ट के क्षेत्र शामिल हैं। आज से पहले भी 2003 से 2004 और 2007 में, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और दार्जिलिंग में स्क्रब टाइफस के फैलने की खबरें भी आई थीं।
क्या है लक्षण और उपचार
बताया जाता है कि यह बीमारी चूहा, छछून्दर गिलहरी आदि से फैलती है। बीमारी में बुखार के अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना, उल्टी होना जैसी परेशनियाँ हो सकती हैं। डॉक्टरों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए एवं साफ सफाई का पालन करना चाहिए। बुखार आने पर जांच जरूर कराएं, इस बीमारी में सर्तकता ही सबसे बड़ा उपचार है, समय रहते यदि बीमारी को पकड़ लिया जाए, तो इससे बचा जा सकता है।