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रिलेशनशिप में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।
सेक्स एजुकेशन में कमी की वजह से रिलेशनशिप में आसकती हैं 4 समस्या
सेक्स एजुकेशन की वजह से लड़को और लड़कियों को कंसेंट याने सहमति का मतलब समझ आता है। वह किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं करते। काफी बार देखा गया है की सेक्स एजुकेशन की कमी से सेक्सुअल असॉल्ट या रेप जैसी घटनाएं ज्यादा होती हैं।
सेक्स एक नेचुरल प्रोसेस है इसमें कुछ पवित्र और अपवित्र नहीं होता है। सहमति से किया हुआ सेक्सुअल एक्ट एक दम नेचुरल होता है। लोग अक्सर सेक्स एजुकेशन न होने की वजह से शादी के पहले सेक्स करने को अपवित्र मानते हैं। और जिस व्यक्ति ने शादी के पहले सेक्स किया हुआ होता है उसे भी अपवित्र मानते हैं। जो एक दम गलत है।
बिना सेक्स एजुकेशन के व्यक्ति को सही जानकारी नहीं होती प्लेज़र के बारे में इसी तरह अपने पार्टनर के शरीर और फैंटसीज की जानकारी ना होना सेक्स के प्रोसेस को दर्दनाक और स्ट्रेसफुल बना सकता है।
सेक्स के समय दोनों आदमी और औरतों को कई तरह की प्रॉब्लम्स आती हैं। ऐसे में सेक्स एजुकेशन काफी काम आती है। आपको सही तरीका पता चलता है और गलती होने के चांस काम रहते हैं। कई बार वजाइना में सूखापन या इरेक्टल डिस्फंक्शन जैसी दिक्कत हो जाती है। लेकिन व्यक्ति डॉक्टर के पास जाने की बजाये खुद ही परेशान होता रहता है। क्योंकि उसे समझ ही नहीं आता की क्या हो रहा है।
सेक्स एजुकेशन में कमी की वजह से रिलेशनशिप में आसकती हैं 4 समस्या
1 ) कंसेंट या सहमति की समझ न होना -
सेक्स एजुकेशन की वजह से लड़को और लड़कियों को कंसेंट याने सहमति का मतलब समझ आता है। वह किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं करते। काफी बार देखा गया है की सेक्स एजुकेशन की कमी से सेक्सुअल असॉल्ट या रेप जैसी घटनाएं ज्यादा होती हैं।
2 ) सेक्स को अपवित्र मानना -
सेक्स एक नेचुरल प्रोसेस है इसमें कुछ पवित्र और अपवित्र नहीं होता है। सहमति से किया हुआ सेक्सुअल एक्ट एक दम नेचुरल होता है। लोग अक्सर सेक्स एजुकेशन न होने की वजह से शादी के पहले सेक्स करने को अपवित्र मानते हैं। और जिस व्यक्ति ने शादी के पहले सेक्स किया हुआ होता है उसे भी अपवित्र मानते हैं। जो एक दम गलत है।
3 ) सेक्सशुअल प्लेज़र की जानकारी न होना -
बिना सेक्स एजुकेशन के व्यक्ति को सही जानकारी नहीं होती प्लेज़र के बारे में इसी तरह अपने पार्टनर के शरीर और फैंटसीज की जानकारी ना होना सेक्स के प्रोसेस को दर्दनाक और स्ट्रेसफुल बना सकता है।
4 ) सेक्स से जुड़ी प्रॉब्लम्स को न समझ पाना -
सेक्स के समय दोनों आदमी और औरतों को कई तरह की प्रॉब्लम्स आती हैं। ऐसे में सेक्स एजुकेशन काफी काम आती है। आपको सही तरीका पता चलता है और गलती होने के चांस काम रहते हैं। कई बार वजाइना में सूखापन या इरेक्टल डिस्फंक्शन जैसी दिक्कत हो जाती है। लेकिन व्यक्ति डॉक्टर के पास जाने की बजाये खुद ही परेशान होता रहता है। क्योंकि उसे समझ ही नहीं आता की क्या हो रहा है।