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सेक्स से होने वाली इन 5 बीमारियों से महिलाएं रहें सावधान

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Swati Bundela
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इन दिनों कोरोना वायरस का खौफ हर किसी को है क्योंकि ये ट्रेंड में है। लेकिन कई वायरस ऐसे भी हैं जो हर वक्त, हर जगह मौजूद रहते हैं लेकिन हम उन पर ध्यान नही देते। ये गलत भी है साथ में खतरनाक भी। जी हां, उन्हीं वायरस में से एक है सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान एक पार्टनर से दूसरे पार्टनर के शरीर में हाने वाले इन्फेक्शन। सेक्स के ज़रिये फैलने वाली इन वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को STD यानि सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेज़ (Sexually Transmitted Diseases) कहते हैं। आइये जानते हैं सेक्शुअल इंटरकोर्स से होने वाली बीमारियां और उनके लक्षण।

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ये हैं महिलाओं को होने वालें 5 STDs (सेक्शुअल इंटरकोर्स से होने वाली बीमारियां )



1.गोनोरिया (Gonorrhea)

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गोनोरिया एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है जो गोनोकॉकस बैक्टीरिया की वजह से होता है। ये इंसानों द्वारा पहचानी गयी सेक्शुअली फैलने वाली सबसे पुरानी बीमारी है। ज्यादातर महिलाओं में इन्फेक्शन की शुरुआत में कोई लक्षण नहीं पाए जाते। गोनोरिया को आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं:

-पेशाब के दौरान जलन

-बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होना
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-पीले रंग का वेजाइनल डिस्चार्ज

-जेनिटल्स में लाली और सूजन

-वेजाइना में खुजली और जलन
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2.जेनिटल हर्पीज़ (Herpes)



जेनिटल हर्पीज़ एक वायरल इन्फेक्शन है। ये वायरस मुंह, वेजाइना या जेनिटल स्किन की नमी वाली सतहों पर उभरता है। ये वायरस स्किन में मौजूद बहुत ही छोटे गैप्स से अंदर घुसता है और फिर हमारी स्पाइनल कॉर्ड यानि रीड की हड्डी की अंदर परमानेंटली सेटल हो जाता है। इसके बाद ये समय-समय पर इन्फेक्शन की जगह आकर लाली और फोड़े बनाता है। हर्पीज़ एक व्यक्ति के डायरेक्ट टच से या हवा के माध्यम से फैलता है और ये कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्ति पर जल्दी अटैक करता है।
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इसके लक्षण मुंह, वेजाइना या रेक्टम में हुए दर्दनाक फोड़े होते हैं। कई बार हर्पीज़ का वायरस कई महीनों तक शरीर में रहने के बाद लक्षण पैदा करता है। ऐसे में एक सेक्शुअल एडल्ट एक से ज़्यादा लोगों के साथ इंटरकोर्स करता है तो ये वायरस उतने लोगों को भी इन्फेक्ट कर सकता है।

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3.सिफिलिस (Syphilis)



सिफिलिस सदियों से चली आ रही सेक्शुअली फैलने वाली सबसे कॉमन बीमारी है। ये एक ख़ास किस्म के बैक्टीरिया की वजह से फैलती है जिसे स्पाइरोशीट कहा जाता है जो एक कीड़े जैसा दिखने वाला बैक्टीरिया होता है। ये बैक्टीरिया इंसानों के जेनिटल या मुंह की नमी भरी सतह को अपना घर बनाता है। इसकी वजह से एक ख़ास किस्म का अल्सर या छाला मुंह के पास बन जाता है।

इस इन्फेक्शन के लक्षण हैं :
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-सबसे पहले मुंह या जेनिटल्स पर बड़ा सा छाला। मुंह पर हुआ छाला किस करने से फैलता है और वैजाइना या स्क्रोटम पर हुआ छाला वैजिनल इंटरकोर्स से फैलता है।

-बालों का तेज़ी से झड़ना,

-गले में लगातार खराश,

-बुखार

4. क्लैमिडिया (Chlamydia)



क्लैमिडिया एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो फैलने और लक्षणों के मामले में बहुत हद तक गोनोरिया जैसा ही है। ये बैक्टीरिया महिलाओं के सर्विक्स और यूरेथ्रा के साथ ही रेक्टम और गले में भी रह सकता है। क्लैमिडिया के लक्षण भी इन्फेक्शन की शुरुआत में नज़र नहीं आते। साथ ही ये महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है। लक्षण नज़र ना आने की स्थिति में इन्फेक्टेड व्यक्ति इस बीमारी को बहुत लोगों में फैला सकते हैं।

5. एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS)



एचआईवी (HIV) यानि ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस हमारे शरीर की इम्यूनिटी को ख़त्म कर देता है। इस वजह से शरीर बहुत तरह के दूसरे इन्फेक्शन्स के लिए एक आसान जरिया बन जाता है। HIV शरीर को खोखला कर देता है और अंत में जाकर स्थिति एड्स की कहलाती है, जिसका अभी तक कोई भी इलाज नहीं खोजा गया है। HIV एक वायरल इन्फेक्शन है जो सेक्शुअली फैलता है। इसके साथ ही एक ही सुई के इस्तेमाल से या प्रेगनेंट मां से बच्चे में आ सकता है। हालांकि अब ऐसे बहुत से इलाज खोजे जा चुके हैं जो HIV के इन्फेक्शन को कंट्रोल कर उसके एड्स तक पहुंचने की गति को बेहद धीमा कर देते हैं।



ये थे सेक्शुअल इंटरकोर्स से होने वाली बीमारियां। अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। सेक्स करें लेकिन सेफ्टी के साथ।



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सेहत रिलेशनशिप सेक्शुअल इंटरकोर्स से होने वाली बीमारियां
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