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Sexuality Awareness: फरीदाबाद के लड़के की मौत ने देश में सेक्सुअलिटी कंसर्न पैदा कर दिया है

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Swati Bundela
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Sexuality Awareness: फरीदाबाद में हुई 15 साल के बच्चे की मौत के बाद उसके सुसाइड नोट ने और मौत के कारण LGBTQIA+ बुलिंग को लेकर सभी जगह सवेंदनशीतला पैदा कर दी है। पूरे नेशन शॉक में है औऔर क्वीर कम्युनिटी उनके साथ हुई बुलइंग को लेकर बातचीत कर रही है। सुसाइड नोट के कुछ अंशों में बच्चे ने स्कूल की "हाई अथॉरिटीज" की जिम्मेदार ठहराया था। सेक्सुअलिटी को लेकर बुलइंग का शिकार और स्कूल अथॉरिटीज की लापरवाही ने बच्चे की जान ले ली।

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बच्चे की माँ न क्या ब्यान दिए है?

लड़के की माँ भी उसी स्कूल में टीचर थी। लड़के की माँ ने भी यह आरोप लगाया है कि उनके बेटे को सेक्सुअलिटी को लेकर स्कूल में हैरेसमेंट का शिकार होना पड़ा जिसकी शिकायत  स्कूल अथॉरिटीज को की,  कई बार ईमेल लिखे पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। माँ के बताया बच्चा डिप्रेशन और डिस्लेक्सिया से झूझ रहा था। पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की ज्जान्च कर ली है वह मृत की है। स्कूल की प्रिंसिपल को अरेस्ट कर लिया है और इन्वेस्टीगेशन की जा रही है।

स्कूलों में होमोसेक्सुअलिटी अवेयरनेस को लेकर क्वीर ने क्या कहा?

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इस केस को लेकर क्वीर कम्युनिटी ने स्कूलों में बुलइंग कल्चर पर कंसर्न जताया है। जिस जगह हर बच्चे को भीड़ में से अलग दिखने, कुछ करने के लिए प्रेरित किया जाता है वही दूसरी तरफ भीड़ में अलग दिख रहे बच्चो को पॉइंट आउट कर मोक और बुली किया जाता है, खासतौर पर LGBTQIA+ कम्युनिटी।

भोपाल के एक जॉर्नलिस्ट अंकित ने  एसटीपी को बताया," जब बुलइंग की बात आती है तो स्कूल के बच्चो का बर्ताव बहुत बुरा है। गे होने के कारण उनके हैंड गेस्टर्स को लेकर उन्हें चक्का, छमिया, लेडीज कहकर पुकारा जाता रहा। वो मुझे निचा दिखाने  का कोई मौका नहीं छोड़ते, समय ऐसा भ्भी आया जब मैं दिल खोलकर सिर्फ रोना चाहता था और जो वो चाहते थे वो उन्हे दे देना चाहता था"।

बुलिंग किसी के मन पर कैसी छाप छोड़ रहा है, उसके मेन्टल हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इस पर स्कूल अथॉरिटीज की लापरवाही शर्मनाक है। 2019 में UNESCO द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों में, तमिलनाडु के 400 LGBTQIA+ युवाओं में से आधे से अधिक ने अपनी यौन पहचान को लेकर धमकाने के कारण कक्षाएं छोड़ दीं।  एक तिहाई लोगों ने कहा कि उन्होंने पूरी तरह से स्थिति से बचने के लिए स्कूल छोड़ दिया था।  इस संबंध में धमकाना, शारीरिक हिंसा से लेकर बलात्कार की धमकी तक शामिल था।  आज, साइबरबुलिंग को इसमें जोड़ा गया है।

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