सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज किसी को भी हो सकता है और अगर सही वक़्त पर इलाज ना किया जाए तो ये काफी भयावह भी हो सकता है। ये डिजीज किसी भी तरह के सेक्सुअल कांटेक्ट से फैल सकते हैं और जल्दी डेटेक्टेबल भी नहीं होते हैं। इसलिए अगर आपको इनके लक्षण के बारे में जानकारी ना हो तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब ये आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स और शरीर के बाकी अंगों को भी डैमेज कर देंगे। सेक्स को लेकर सोसाइटी में आज भी जिस तरह का टैबू है, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के बारे में जल्दी लोग बात नहीं करते हैं और इसलिए जानकारी के आभाव में रहते हैं।
जानिए सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से जुड़ी सारी बातें:
क्या है सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन?
सेक्सुअल कांटेक्ट में आने से होने वाले इन्फेक्शन को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (एसटीआई) कहते हैं। जब इन्हें समय से ट्रीट ना किया जाए तो ये क्रोनिक हो सकते हैं और ऐसे में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज में तब्दील हो जाते हैं। इसलिए ऐसे इन्फेक्शन्स का पता लगाना ज़रूरी है ताकि उनका जल्दी इलाज किया जा सके।
क्या है इनके होने के चान्सेस?
हमारे देश में 6 प्रतिशत पॉपुलेशन अपने जीवन में एक से ज़्यादा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का शिकार होते हैं। एक महिला का अपने इन्फेक्टेड मेल पार्टनर से इन डिसीसेस के ट्रांसमिशन का 60 से 90 प्रतिशत का खतरा रहता है और वहीं मर्दों का इन्फेक्टेड फीमेल पार्टनर से ट्रांसमिशन का खतरा है 20 प्रतिशत। हमारे देश में में करीब 30 से 35 मिलियन लोगों को ये डिजीज हर साल होते हैं।
कैसे फैलते हैं सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज?
जब आप किसी इन्फेक्टेड इंसान के साथ सेक्सुअल कांटेक्ट में आते हैं तो आपको ये बीमारी हो सकती है। इसके अलावा बॉडी फ्लुइड्स जैसे सीमेन और वजाइनल फ्लुइड्स के एक्सचेंज से या फिर कई बार इन्फेक्टेड इंसान के सलाइवा और स्किन के कांटेक्ट में आने से भी आपको ये बीमारी हो सकती है।
क्या है एसटीआई के कुछ कॉमन लक्षण?
अलग-अलग एसटीआई के लिए अलग-अलग लक्षण होते हैं। इसलिए कुछ कॉमन लक्षण के बारे में जानकारी रखना ज़रूरी है ताकि आप खुद का चेक-अप करवा पाएं। कुछ ऐसे लक्षण हैं पिम्पले या अलसर होना, यूरिनेशन के दौरान इचिंग, अजीब तरह का डिस्चार्ज और अपने जेनिटल एरिया में थोड़ा पेन फील करना।
कैसे प्रिवेंट कर सकते हैं एसटीआई को?
एसटीआई को रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप मल्टिपल पार्टनर्स के साथ सेक्स को अवॉयड करें। इसके अलावा अपने और अपने पार्टनर की सेक्सुअल हिस्ट्री को अच्छे से जाने और हमेशा सेक्स के समय कॉन्डम्स को यूज़ करें। कुछ एसटीआई जैसे हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन भी उपलब्ध हैं, इसलिए इनसे बचने के लिए खुद को वैक्सीनेट करें।
क्या है सबसे कॉमन एसटीआई?
कुछ बहुत ही कॉमन एसटीआई हैं सिफिलिस, गोनोरिया, क्लेमाइडिया, हेपेटाइटिस बी, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस और एचआईवी। इन डिसीसेस का डिटेक्शन मेडिकल हॉस्पिटल्स में करवाया जा सकता है और अगर डिटेक्शन जल्दी हो पाए तो आप बहुत हद तक इनसे ठीक भी हो सकते हैं। इसलिए अगर ज़रा सा भी कुछ अलगे तो तुरंत एसटीआई के लिए चेक-अप करवाएं।