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Shakuntala Devi Review : शकुंतला देवी मूवी से हमने ये पांच बातें सीखीं

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Swati Bundela
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31 जुलाई को रिलीज़ हुई शकुंतला देवी मूवी महान माथेमैटिशन और एस्ट्रोलॉजर शकुंतला देवी की कहानी है जिन्होंने बचपन से ही दुनिया को अपने गणित के स्किल से प्रभावित करना शुरू कर दिया था। शकुंतला देवी मूवी में शकुंतला देवी का किरदार विद्या बालन ने निभाया है। फिल्म में शकुंतला देवी का उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी के साथ रिश्ते को भी दर्शाया है। उनकी बेटी का किरदार सान्या मल्होत्रा ने निभाया है। जानिए शकुंतला देवी मूवी से हम क्या क्या सीखते हैं Shakuntala Devi Review

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1 महिलाएं किसी भी विषय में एक्सपर्ट हो सकती हैं



हमारे समाज में एक मिथ बहुत पॉपुलर है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं गणित में इतनी अच्छी नहीं होती पर यह फिल्म इस मिथ को तोड़ती है और साबित करती है कि महिलाएं किसी भी विषय में एक्सपर्ट हो सकती हैं। उन्होंने एक बार बिना किसी कंप्यूटर की मदद लिए 28 सेकंड में दो 13 अंकों की संख्या को मल्टीप्लाई किया था। उनकी इस प्रतिभा के लिए उन्हें 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guiness Book Of World Records) में भी जगह मिली।

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2. एक माँ को अपने सपने पूरे करने का पूरा हक़ है



समाज में अक्सर महिलाओं को बोला जाता है कि माँ बनने के बाद एक महिला का जीवन पूरा हो जाता है और यह उसके जीवन की सबसे बड़ी बात होती है। पर शकुंतला ने यह साबित किया कि जीवन में माँ बनने के साथ साथ हम अपने हुनर में भी ख़ुशी ढूंढ सकते है। शकुंतला देवी ने माँ बनने के बाद गणित के लिए अपने पैशन को नहीं त्यागा। वो दुनिया भर में शोज़ करती थी और गणित के लिए अपने प्यार को लोगों तक फैलाती थी। माँ बनना अवश्य ही ख़ुशी का लम्हा होता है पर हमारा काम भी हमें उतनी ही ख़ुशी दे सकता है।

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विद्या बालन हमेशा अपने दिल की सुनती थी। वो वोही करती थी जो उनको पसंद था और उन्हें सही लगता था। इसी कारण वो अपने जीवन काल में इतना कुछ हासिल कर पायी।



3. महान बनने का रास्ता हमेशा स्कूल और कॉलेज से होकर नहीं जाता है

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शकुंतला देवी मूवी में दिखाया है कि शकुंतला देवी कभी स्कूल नहीं गयी। उन्होंने कोई फॉर्मल एजुकेशन नहीं ली फिर भी बचपन से ही उनको गणित विषय में बहुत रूचि थी और धीरे धीरे पूरी दुनिया को ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से जान्ने लगी। फिल्म में शकुंतला देवी को ये भी कहते हुए सुना गया है की बच्चों को स्कूल में भर्ती कराने से अक्सर उनकी क्रिएटिविटी ख़त्म हो जाती है और वो भी भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं।

4 कंप्यूटर इंसान से बड़ा नहीं है

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शकुंतला देवी मूवी में एक ऐसा सीन है जिसमें शकुंतला देवी एक गणित के सवाल का सही जवाब देती हैं लेकिन कंप्यूटर गलत जवाब देता है जिससे ये साबित होता है कि कंप्यूटर इंसान से बड़ा नहीं है। और ये सच भी है क्यूंकि इंसान ने ही कंप्यूटर जैसी मशीन को बनाया है। इसी कारण उन्हें दिया हुआ टैग "ह्यूमन कंप्यूटर" पसंद नहीं था क्योंकि वो हमेशा मानती थी कि इंसान मशीनों से ज़्यादा प्रभावशाली है.

समाज में अक्सर महिलाओं को बोला जाता है कि माँ बनने के बाद एक महिला का जीवन पूरा हो जाता है और यह उसके जीवन की सबसे बड़ी बात होती है। पर शकुंतला ने यह साबित किया कि जीवन में माँ बनने के साथ साथ हम अपने हुनर में भी ख़ुशी ढूंढ सकते है।

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5 हमेशा अपने दिल की सुनो



शकुंतला देवी हमेशा अपने
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दिल की सुनती थी। वो वही करती थी जो उनको पसंद था और उन्हें सही लगता था। इसी कारण वो अपने जीवन काल में इतना कुछ हासिल कर पायी। उन्होंने कभी खुद को कमज़ोर नहीं माना। उन्होंने पूरा जीवन अपने हुनर को दुनिया तक पहुंचाने में लगा दिया। उनके आत्मविश्वास ने न जाने कितनी महिलाओं को अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा दी.



तो ये था Shakuntala Devi Review



पढ़िए : शकुंतला देवी के बारे में 10 बातें जो आपको पता होनी चाहिए
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