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Side-Effects Of Work From Home: वर्क फ्रॉम होम को वर्क फ्रॉम बेड बनाने से बचें

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Swati Bundela
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Side-Effects Of Work From Home: वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने लोगों के बीच बिस्तर से काम करने को बढ़ावा दिया है। लेकिन इससे हमारे मेन्टल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जब से वर्क फ्रॉम होम का कांसेप्ट हम सब की जिंदगी में आया है यकीन मानिये हमारी लाइफस्टाइल में न जाने कितने अच्छे और बुरे बदलाव आगये हैं। लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स बहुत खतरनाक भी हैं। 

Side-Effects Of Work From Home: वर्क फ्रॉम होम को वर्क फ्रॉम बेड बनाने से बचें

लगभग सभी ने वर्क फ्रॉम होम से वर्क फ्रॉम बेड की ओर रुख किया है! कई लोग कुर्सी की बजाय बिस्तर पर लेट कर या उल्टा सीधा बैठकर लैपटॉप इस्तेमाल करते हैं। इससे हमारी गर्दन, पीठ और रीढ़ पर बुरा असर होता है। लेकिन सिर्फ ये साइड-इफेक्ट्स ही नहीं, बिस्तर से काम करने से आपके मानसिक स्वास्थ्य सहित और भी कई नुकसान होते हैं!

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1. तनाव और एंग्जायटी रेट बढ़ जाते हैं

मुंबई से शायिकाइट्रिस्ट डॉक्टर सोनल आनंद बताती हैं कि “बेडरूम में हलकी या कम रोशनी चिंता और तनाव का कारण बनती है, जिससे हमारे नार्मल डेली के कामकाज पर इसका बुरा असर होता है। यही नहीं, बल्कि इस तरह लगातार काम करते रहने से हमारे इमोशनल और शाइकोलॉजिकल मूड में भी अंतर आने लगता है।"

2. आपकी प्रोडक्टिविटी में कमी 

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बिस्तर से काम करने से आपकी नींद बुरी तरह प्रभावित हो सकती है, जिससे आपके काम करने की क्षमता, आपकी प्रोडक्टिविटी और एफिशिएंसी पर बहुत बुरा असर होता है और वो कम या खत्म हो सकती है। वर्क फ्रॉम होम को वर्क फ्रॉम बेड बना देना, आरामतलब हो जाना और आलस करते रहने से न सिर्फ हमारी बॉडी बल्कि हमारे मेन्टल हेल्थ पर बुरा असर होता है।

3. लो एनर्जी और मूड स्विंग्स का चक्कर

बाकि कमरों की तुलना में बेडरूम में लाइट्स थोड़ी कम या डिम होती हैं और कई लोग खिड़कियां भी बंद रखते हैं। इसलिए, सुन लाइट की कमी भी होती है, जिसे नेचुरल बूस्टर माना जाता है। सनलाइट और ताज़ी हवा हमें एनर्जी प्रोवाइड करती हैं। कुल और साफ़ सुथरे कमरे, ब्राइट और अच्छी रोशनी से काम करने का दिल करता है। इसीलिए बेडरूम या वर्क फ्रॉम बेड की बजाये किसी ऐसे कमरे से काम करिये जहाँ ये सभी चीज़े आसानी से मिले और काम करने का माहौल भी बन सके।

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4. अन्य समस्याएं 

वैसे तो वर्क फ्रॉम होम ने हमारे जीवन शैली को पूरी तरह से डिसबैलेंस कर दिया है, लेकिन इन सबके बावजूद भी हमें कोशिश करते रहना चाहिए कि कैसे हम अपने बॉडी और माइंड को हेल्थी बना कर रखें। कम रोशनी, बंद जगह और बिस्तर पर पड़े पड़े काम करने से आँखों पर दबाव बढ़ता है और इससे आपको आँखों में जलन और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यही नहीं, बल्कि वर्क फ्रॉम बेड और लाइफ स्टाइल के तमाम बदलाव का असर हमारे सेक्सुअल एक्टिविटी और पार्टनर के साथ इंटिमेट रिलेशनशिप पर भी बुरा असर डालता है। 



सेहत
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