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Discipline In Children: बच्चों की हर खवाहिश को पूरी करना माता- पिता की इच्छा होती है, उन्हें हर सुख सुविधा देना, लाड़ प्यार से पालना और साथ ही अच्छा इंसान बनाना चाहते है। पर बच्चों की हर डिमांड्स को पूरा करने और उनके बेहेवियर को "बच्चा है नासमझ कहकर जस्टिफाई" करना उनकी आदतें बिगाड़ सकता है और आगे चलकर आपके लिए उन्हें संभालना मुश्किल हो सकता है।
बच्चों को आज़ादी देने के साथ उन्हें अनुशासन में रखना भी ज़रूरी है सिर्फ आपके लिए ही नहीं बच्चों के लिए भी। ऐसे में आईए जानते है कि आपके बच्चे में डिसिप्लिन की कमी है या नहीं और उसे कैसे सुधारें।
1. सहानभूति की कमी
अगर आपके बच्चे में सहानभूति और काइंडनेस की कमी लग रही है तो इसका मतलब उन्हें इमोशनल डिसिप्लिन की ज़रूत है। वह गुस्से और नफरत से सबको ट्रीट कर रहे और दूसरों का अपमान कर रहे है तो इसके लिए अपने बच्चे के हर छोटे एफर्ट पर आपरीशेट करें, उनकी तरफ प्यार भरा ऐटिटूड रखें जिससे वो खुद को बदलने की कोशिश करेगा।
2. दूसरों की परवाह न करें
अपने बच्चे का परिवार और आपके व्यवहार को नोटिस करने पर अगर आपको लगे कि मना करने पर भी वो कार्य करता जा रहा है और किसी के इमोशन, फीलिंग्स परवाह नहीं कर रहा तो इसका मतलब आपको बच्चे पर ध्यान देना होगा। आप "मैं" की जगह "तुम" का इस्तेमाल कर उसे बात समझा सकते है जिससे आपके इमोशन उस तक पहुँच पाएंगे।
3. दूसरों को ब्लैम करें
अगर बच्चे की गलती होने पर वह दूसरों को या पेरेंट्स को ब्लेम करें, खुद की गलती न मानना, खुद को बचाने का मार्ग ढूँढना, पछतावा महसूस ना होना यह डिसिप्लिन की कमी को दर्शाता है और आगे चलकर उसकी बुरी आदत बन सकता है ऐसे में उन्हें सच बोलना और रिस्पांसिबिलिटी लेना सिखाए, गुस्से से काम ना लें, दूसरा व्यक्ति कैसा महसूस करता है बताएं।
4. ना सुनना पसंद ना करें
जब बच्चे की हर डिमांड पेरेंट्स पूरी करने लगता है उन्हें जकीन होने लगता है कि उसके माता- पिता उसे कभी ना नहीं कहेगें। पर यह उन्हें डिसिप्लिन में रहने से रोकता है। अगर आपका बच्चा ना सुनने पर क्रोध, जिद्द करें तो वह उनमें कंट्रोल, धैर्य और अनुशासन की कमी है। इसके लिए सीधा ना बोलने की जगह अलग तरीके से रोकना और मना करने का मार्ग अपनाएं।
5. कंट्रोलिंग है
खुद की रिस्पांसिबिलिटी लेना अच्छी बात है पर अगर आपका बच्चा मनमर्ज़ी करने लगे, हर फैसला खुद लें और परिवार की नहीं सुने तो इसका मतलब अब उनपर लगाम लगाना ज़रूरी हो गया है। यह डिसिप्लिन की कमी दर्शाता है इसके लिए उनके फैसलों में योगदान डालना शुरू करें, उन्हें चॉइस दे ना कि फैसला उनपर छोड़ दे व खुद लें।