Signs That Your Relatives Are Toxic: जिन रिलेटिव्स की पेरेंट्स मुसीबत के समय साथ देने वाले व अपने कहते है उनसे बच्चे अक्सर दूर-दूर रहना पसंद करते है। विदेशो के मुकाबले इंडिया में रिश्तेदारों का खास महत्व है। दुःख, ख़ुशी हर माहोल में हमेशा आने को तैयार होते है पर आज कई रिश्तेदारों को ही मुसीबत समझते है उनसे दूर रहने के बहाने बनाते है, ऐसा क्यों? इसका कारण रिश्तेदारो का टॉक्सिक व अन्नोयिंग होना हो सकता है।
Signs That Your Relatives Are Toxic -
1. जजमेंटल होना
अक्सर रिश्तेदार आपको सलाह देते है इसका कारण उनका लाइफ में एक्सपिरिस माना जाता है जैसे कि आपके पेरेंट्स देते है पर जब वो आपकी लाइफ चोइसस के प्रति जजमेंटल हो आपके गोल्स का मजाक बनाएं, क्रिटिसाइज करें यह दुखी कर सकता है और काफी गलत बेहेवियर को प्रोत्साहित करता है।
2. बॉडी शेमिंग
"कितनी मोती हो गयी हो, लड़का ढूँढना मुश्किल हो जायेगा", "कितनी पतली है कुछ खाया पिया करों", होम रेमेडीज से रंग गोरा होता है" आदि वाक्य हसी में कहते है पर क्या सिर्फ मजाक है? नहीं। यह टॉक्सिक बिहेवियर का एक हिस्सा है जिसका शिकार बचपन से कई लोग हो रहे है।
3. कम्पैयर करते है
इंडियन फैमिलीज़ में अपने बच्चों को दूसरे के बच्चों के साथ तुलना करना आम-सा हो गया है। मार्क्स, स्टडी में तुलना करना, करियर चोइसस को लेकर तुलना, बिहेवियर में तुलना आदि परिवार व रिश्तेदारों को यह मोटिवेशन करने का माध्यम लगता है पर यह टॉक्सिक बेहेवियर है।
4. गलती एक्सेप्ट न करना
बच्चों को हमेशा सॉरी बोलना सिखाया जाता है, हिम्मत से गलती एक्सेप्ट करने को कहते है पर जब बड़ो की गलती की बात आती है तो बात पलट सी जाती है। बड़ा हो चाहे छोटा मिस्टेक एक्सेप्ट ना करना ईगो और कायरता को दर्शाता है। रिलेटिव्स को अक्सर अपनी गलत को एक्सेप्ट ना करने, झूठ बोलना, बात न मानना टॉक्सिक हो सकता है।
5. ब्लैम डालना
जब कोई अपनी गलती एक्सेप्ट नहीं करता है तो उसे छुपाने के लिए दूसरे पर इल्जाम डालने की कोशिश करते है जिसके शिकार अक्सर छोटे ही होते है। ब्लैम दूसरे पर डालना फिर उसको नीचा दिखाना और एक्सेप्ट करने को मजबूर करना किसी के भी मन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।