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Social Media And Justice: लोगों को न्याय और अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया की मदद की आवश्यकता क्यों है? 

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Swati Bundela
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Social Media And Justice:  हम एक ऐसी सदी में रहते हैं जहां हर रोज एक नया ट्रेंड, नई कबर होती है। मीडिया (टीवी, रेडियो, न्यूजपेपर) को डेमोक्रेसी का थर्ड पिलर कहते हैं लेकिन आज के दौर में टीआरपी की वजह से मीडिया भी अपना वॉच डॉग का रोल सही से नहीं निभाती है। इसके साथ ही हमारे देश का सिस्टम भी बहुत कमजोर है और एक व्यक्ति को न्याय दिलाने में कई साल लग जाते हैं। 

आज की बढ़ती टेक्नोलॉजी, इंटरनेट के इस्तेमाल की वजह से लोगों ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का उपयोग करना शुरू कार दिया है। अपनी आवाज़ उठाने के लिए, अपने हक के लिए लड़ने के लिए और दूसरों का साथ देने के लिए। सोशल मीडिया पर लोग कई तरीकों से एक दूसरे का साथ देकर, एकता और भाईचारा दिखाते हैं। जानिए इसी से जुड़ी एक रेप केस की खबर। 

सोशल मीडिया के फायदे 

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सोशल मीडिया हमारी कई तरह से मदद करता है। सोशल मीडिया के पास जो शक्ति है वह बिल्कुल आवश्यक और अद्भुत है। हर चीज की जैसे कुछ अच्छाइयां होती है उसकी तरह उनके कुछ नुकसान भी होते हैं। वैसे ही सोशल मीडिया एक बहुत बड़ी जगह है जहां बहुत सारी राय और कचरा (फालतू की चीजें) भी हैं। इंटरनेट का उपयोग करने की उच्च मांग के कारण आजकल सोशल मीडिया बहुत तेजी से बढ़ रहा था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कई विशेषताएं हैं जिनका उपयोग आप पूरी दुनिया के सामने अपनी आवाज उठाने के लिए कर सकते हैं। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में सबसे अधिक इस्तमाल होने वाले हैं, इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक। ये आपकी आवाज उठाने के लिए सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले सोशल प्लेटफॉर्म हैं और आप अपने दर्शकों के सामने अपनी आवाज को स्पष्ट करने के लिए और अपने साथ हुए अन्याय से लड़ने के लिए इन प्लेटफॉर्म का प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकते हैं। हाल ही में एक रेप पीड़िता ने  सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए दुस्व्यवाहर का वर्णन करते हुए, अपने लिए न्याय की मांग की है, जानिए इस केस के बारे में जरूरी बातें। 

लुधियाना रेप केस

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30 वर्षीय महिला के सोशल मीडिया पर आपबीती सुनाने के बाद मेडिकल दुकान के मालिक पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। महिला ने बताया किया कि, वह इस साल अप्रैल में बीमार हो गई थी। उसकी खराब फाइनेंशियल सिचुएशन के कारण, उसे एक मेडिकल स्टोर के मालिक से क्रेडिट पर दवाइयां देने को कहा। 

एक दिन जब वह घर पर अकेली थी, तो वह आया और उसने कुछ शामक का इंजेक्शन लगाया। उसके होश खोने के बाद, उसने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो भी बनाए। बाद में उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। जब मेने उसे बताया कि, मैं प्रेग्नेंट हो गई हूं, तो आरोपी ने मुझे मेरी 12 साल की बेटी को उसके पास भेजने के लिए कहा।

पुलिस ने इस केस पर कैसे रिएक्ट किया? 

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महिला ने कहा कि, उसने मामला दर्ज करने के लिए मोती नगर पुलिस से संपर्क किया लेकिन एक पुलिस वाले ने उसे आरोपी से पैसे लेने और मामला सुलझाने की बात कही। इसी कारण महिला ने इस केस पर करवाही करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम को चुनना। महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसकी वजह से मोती नगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करी। 

जांच अधिकारी, इंस्पेक्टर सुलखान सिंह ने पुलिस पर महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि, महिला ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उन्हें कार्रवाई धीमी गति से करने के लिए कहें क्योंकि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ इस पर चर्चा करना चाहती थीं। इसके बाद वह फिर से थाने नहीं आई, उसने कहा। 



न्यूज़ सोसाइटी
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