क्यों सोसाइटी लड़कियों से हमेशा सही जीवनसाथी ढूंढने की बात ही करती है? हमारी सोसाइटी आज भी अपने ख्यालों से लिबरल नहीं हुई है। आज भी सोसाइटी लड़कियों से जो सबसे पहली बात कहती है वो ये है कि उन्हें अपने लिए एक ढंग का लड़का ढूँढना चाहिए और फिर उससे शादी करने के बाद वो जो चाहे कर सकती है। एक लड़की के सपनों से पहले आज भी उसके आस-पास के लोग उसकी शादी को रखते हैं और इस बात पर ज़्यादा ध्यान देते हैं कि उसके लिए जो लड़का उन्होंने चुना है वो उसका खेल रख पाएगा या नहीं। इन सब के बीच देखे जाए तो एक लड़की के खुद के सपने या उसकी तम्मनाएँ सोसाइटी को मैटर नहीं करती है। क्यों है सोसाइटी की सोच आज भी ऐसी?
पैट्रिआर्की का है बहुत बड़ा योगदान
सदियों से हमारे यहाँ यही माना जाता आया है कि घर का "प्रोवाइडर" एक मर्द होता है और एक महिला का काम होता है अपने पति की हर बात को मानना और उस हिसाब से ही काम करना। ये पैट्रिआर्की की सोच ने हमारी सोसाइटी में अपनी जड़ें इतनी मज़बूत कर रखी है कि एक लड़की को बचपन से ही उसके घरवाले कहने लगते हैं कि आगे तुम्हें अपने घर जाना है या फिर वो पराया धन है। इन बातों के सहारे ही लोगों की इतनी हिम्मत बढ़ी हुई है कि वो हर लड़की के सपनों से पहले उसे सही जीवनसाथी ढूंढने की हिदायत देते हैं।
सबसे इजी "रूट" है शादी
हमारे यहां एक लड़की को हमेशा कोमल समझा जाता है और इसलिए भी लोग ये मानते हैं कि उसकी लिए जीवन में सबसे आसान रास्ता शादी ही होगा। आज भी कितनी लड़कियों को ये बात कही जाती है कि उनका सॉफ्ट नेचर के कारण वो दुनिया के हार्श तौर-तरीके नहीं अपना पाएगी और इसलिए उसे शादी करके अपनी ज़िन्दगी सेटल करनी चाहिए। इस इजी "रूट" के चक्कर में ना जाने कितनी लड़कियों ने हालत के आगे घुटने टेके हैं और आज भी टेक रही हैं।
फिनांशियल सेक्योरिटी देखती है सोसाइटी
एक लड़की के लिए कोई लड़का तभी सोसाइटी के नज़रों में सही जीवनसाथी हो सकता है जब वो पूरी तरह से फिनांशियली सेक्योर्ड हो।इस बात का लिंक भी उसी रूढ़िवादी सोच से है जो ये कहती है कि घर को सिर्फ मर्द ही चला सकते हैं और महिलाओं को उनके हर हुकुम का पालन करना चाहिए। इस फिनांशियल सेक्योरिटी के जाल में ना सिर्फ लड़कियां बल्कि लड़कों को भी काफी मुश्किलों से गुज़ारना पड़ता है।
लड़कियों की ज़िन्दगी हर किसी को प्लान करनी है
जहाँ एक तरफ सोसाइटी लड़कों के लाइफ में ज़्यादा दखल नहीं देती है क्योंकि ये माना जाता है कि वो अपना भला-बुरा समझ लेंगे, वहीं दूसरी ओर लड़कियों की ज़िन्दगी की सारी प्लानिंग करना उन्हें अच्छा लगता है। ये भी एक बहुत बड़ी वजह है कि लड़कियों को हमेशा उनके सपनों से पहले सही जीवन साथी को ढूंढने के लिए कहा जाता है क्योंकि सोसाइटी का यही मानना है कि जब एक लड़की सही जीवनसाथी के सतह होगी तो वो अपनी लाइफ खुद फिगरआउट कर लेगी। जब तक इस सोच में परिवर्तन नहीं आएगा, लड़कियों का सोसाइटी की इन बातों का समाना करते रहने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।
सोसाइटी लड़कियों