गर्भावस्था के समय अक्सर पैरों पर सूजन आ जाती है। वैसे तो यह बिलकुल सामान्य बात है पर इसकी वजह से मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है और चलने फिरने में दिक्कत आती है। शरीर में तरल प्रदार्थ ज़्यादा होना, नमक का स्तर बढ़ना, पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी होना, देर से गर्भावस्था आदि इसके आम कारण है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय जो पैरों की सूजन कम करने में मदद करते है।
प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में सूजन के लिए घरेलू उपाय-
1. तकिया का सहारा लें
आप आराम करते व सोते समय तकिए का सहारा ले सकती है जिससे पैरों पर दबाव कम पड़ेगा। लेटते समय ताकिए को पैरों के निचले हिस्से में 20-30 मिनट रखे। ऐसा दिन में 3-4 बार करने से पैरों पर दबाव कम होगा और सूजन में फर्क दिखेगा।
2. पोटैशियम को करें शामिल
पोटैशियम शरीर में पानी और नमक की मात्रा का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिससे उच्च रक्त चाप की समस्या नहीं होती। प्रेगनेंसी के समय बीपी बढ़ने से पैरों में सूजन आ जाती है ऐसे में पोटैशियम युक्त खाद्य प्रदार्थ जैसे शकरकंद , पिस्ता, केला आदि सूजन कम करने में मदद करते है।
3. एपिसोम नमक में पैर भिगोए
एक टब में गरम पानी व एपिसोम साल्ट डालकर पैरों को 20-30 मिनट तक भिगोकर रखने से मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है और सूजन भी कम होती है। एपिसोम साल्ट में मैग्नीशियम सल्फेट पाया जाता है जो दर्द व सूजन से राहत पहुँचाने में मदद करता है।
4. मालिश करें
पैरों को अपने दिल की ओर फर्म स्ट्रोक और कुछ दबाव के साथ दबाने से तरल प्रदार्थ को बाहर निकलने में मदद मिलती है और रक्तसंचार में बढ़ावा होता है जिस से पैरों की सूजन कम होती है। अक्सर प्रेगनेंसी के दौरान यह तरीका पैरों की सूजन कम करने के लिए घरों में अपनाया जाता है जिससे पैरों को आराम मिलता है।
5. पानी
पैरों की सूजन का एक कारण शरीर में नमक की मात्रा ज़्यादा होना है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखने से दिन में 7-8 गिलास पानी पीने से शरीर में नमक का स्तर कम होगा जिससे पैरों की सूजन में फर्क दिखेगा। पानी पीने से शरीर का तामपान ठंडा रहेगा और नसों पर कम दबाव पड़ेगा।