डीप्रेशन के 5 लक्षण, डिप्रेशन (प्रमुख डिप्रेसिव विकार)है जो की बहुत ही सामान्य गंभीर चिकित्स रोग होता है, जिसका बेहद नकारात्मकता से आपके व्ह्यावार पर मानसिक और भावनात्मक रूप से असर पड़ता है, और मनुष्य के सोचने की प्रक्रिया को गंभीरता से बदल देता है। डिप्रेशन का इलाज़ मुमकिन है मगर इसके इलाज़ में बड़े धैर्य के साथ हमे नतीजे का इंतज़ार करना होता है। डिप्रेशन हमे मानसिक रूप से कमज़ोर बना सकता है, जिससे हमारे शारीरिक कार्य में कभी-कभी बुरा असर आ जाता है। डिप्रेशन के लक्षण बहुत सौम्य से लेकर काफी हद तक गंभीर भी हो सकते है।
डीप्रेशन के 5 लक्षण -
डीप्रेशन में मनोदशा - पर काफी असर पड़ता है जिससे व्ह्यावार पर बदलाव दिखता है जैसे,चिंतित होना,उदासीनता, सामान्य असंतोष, निराशा, रुचि की कम होना, गतिविधियों में रुचि या आनंद कम होना, या उदास रहना।
स्वभाव संबंधी - व्ह्यावार में बदलाव आना जैसे, बात-बात पर बहस करना, अत्यधिक रोना, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, या खुदको समाज से दूर कर लेना (सेल्फ आइसोलेशन)
नींद के पैटर्न में बदलाव- ये बहुत ही आम लक्षण है जो अक्सर कई लोगो में पाया जाता है जो डेस्परेशन से झूझ रहे होते है इसमें जल्दी जागना, अधिक सोना, बिलकुल भी ना सोना, या फिर बेचैनी से सोना।
संपूर्ण शरीर- भारी बदलाव में आना जैसे, अत्यधिक भूख, थकान, या बिलकुल भी भूख न लगना।
मानसिक क्षमता में चेंज - जैसे, एकाग्रता की कमी, गतिविधि में सुस्ती, या आत्महत्या के विचार और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनिज़शन की स्टडी में पाया गया है की सबसे कमजोर 15-29 साल के, और विशेष जरूरत वाले व्यक्ति हैं जो डिप्रेशन में आत्महत्या कर लेते है।
डिप्रेशन बहुत ही संवेदनशील विषय है जिसमे हमे बहुत समझदारी से काम लेना चाहिए| डिप्रेशन उदासी या दुख से अलग है हमे दोनों को अंतर पता होना चाहिए, ताकि हम डिप्रेशन का सामना करते लोगो की समय रहते मदद कर पाए और उन्हें बहार निकल सके डिप्रेशन से और अगर हम उसमे सक्षम ना हो पाए तो प्रोफेशनल हेल्प ले।