Toxic Relationship: आज के समय में रिश्तें बनाना तो आसान है पर उसकी क़दर करना और निभाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि हर रिश्तें की अहमियत कुछ न कुछ वजह से थोड़े टाईम बाद फिकी पड़ने लगती है। और कब रिश्तों में खटास आ जाए पता भी नही चलता। जिस तरह एक हेल्थी रिलेशनशिप आप के जीवन में कई तरह के पॉजिटिव बदलाव ले आता है ठीक उसी तरह एक टॉक्सिक रिलेशनशिप आपके जीवन को बर्बाद भी कर सकता है।
क्या हैं टॉक्सिक रिलेशनशिप के लक्षण ?
टॉक्सिक रिलेशनशिप की एक ख़ासियत है कि उसे आसानी से समझा नही जा सकता क्योकि वह 'पोज़ेसिवनेस' की भावना के पीछे छिपा रहता है। जब आप रिलेशनशिप में आते हैं तो एक-दूसरे के लिए पोज़ेसिव होना नेचुरल है। इस पोज़ेसिवनेस से आप दोनों एक-दूसरे के और नज़दीक आते हैं लेकिन कई बार ये पोज़ेसिवनेस खतरनाक रूप ले लेती है जो आपके प्यार के रिश्ते को खत्म कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते आप टॉक्सिक रिलेशनशिप के लक्षणों को पहचान कर अपने पार्टनर से दूरी बनाएं या फिर अपने रिश्तें को बचानें के लिए ज़रूरी कदम उठाएं।
हम आपको बताते हैं टॉक्सिक रिलेशनशिप के लक्षणों के बारें में:
- कपल्स में आपस में असहमती और कोई बात समझने को तैयार नहीं होने पर वह बहस का कारण बन जाता है। और इससे सिर्फ़ अपमान और रिश्ते में खटास बढ़ती जाती है।
- एक खराब रिश्ते की निशानी यह है कि पार्टनर एक-दुसरे पर हर वक्त कंट्रोल करके रखना चाहते हैं। वह पूरी तरह से अपना अधिकार जमाना चाहते हैं। वह हर पल यही चाहते हैं कि आप उनके अनुसार चलें।
- टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर बात-बात पर लड़ाई करने के बहाने ढूंढ़ते हैं। यहां तक ऐसे पार्टनर्स के साथ आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ती है।
- ऐसे रिलेशनशिप में पार्टनर कुछ भी आपस की बातें शेयर करना बंद कर देते हैं। एक-दुसरे को इग्नोर करना शुरू कर देते है।
- टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे को गिल्टी फील कराने का कोई मौका नहीं छोड़तें।
- टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे को रिस्पेक्ट देना ज़रूरी नहीं समझतें। आपका प्लान, आपका वक्त उनके लिए कुछ मायने नहीं रखता। यही नहीं, ऐसे लोग दूसरे लोगों के सामने भी अपने पार्टनर की बेईज्ज़ती करने लगते हैं।
- एक हैल्दी रिलेशनशिप में दो लोगों के बीच ऐसा रिलेशन दिखता है जो लाईफ के हर सफर में एक दूसरे का साथ देते हैं, एक दूसरे की खुशी के बारे में सोचते है लेकिन टॉक्सिक रिलेशनशिप में ऐसा बिल्कुल नही है। इसमें पार्टनर सिर्फ अपनी खुशी के बारे में ही सोचते हैं। उन्हें अपने पार्टनर की फीलिंग से कोई मतलब नहीं होता है।
- टॉक्सिक रिलेशनशिप दो पार्टनर के बीच कभी न खत्म होने वाले शक़ का बीज़ भी बों देता है जो रिश्ता खत्म होने की वज़ह भी बनता है।
- पार्टनर के साथ ख़ुशी न मिलना और असहज होना भी एक बड़ा लक्षण है। हम रिश्ते क्यों बनाते हैं? ताकि एक-दूसरे से अपनी प्रॉब्लम्स शेयर कर सकें, उसके साथ रहने पर सेफ फील कर सकें। पर जब ऐसा कुछ न रह जाए, तब वो रिश्ते के टूटने की शुरूआत होती है।
- टॉक्सिक रिलेशनशिप में ज्यादातर पार्टनर एक-दूसरे के लिए अजनबी से हो जाते हैं।