Triphala Churna Benefits: पुराने समय से भारतीय लोग आयुवेर्द के बताएं रास्तों पर चलकर कई बीमारियों का घरेलू उपचार करते आ रहे है। इसके लिए जड़ी-बूटियों और गुणों से भरपूर खाने में उपयोग होने वाली चीज़ो का इस्तेमाल होता है जैसे दाल-चीनी, गिलोय, मुलेठी, नीम के पत्ते, तुलसी आदि। इन में शामिल त्रिफला चूर्ण आज मेडिसिन की दुनिया का अहम हिस्सा है जो कई औषधि बनाने के लिए भी इस्तेमाल होता आ रहा है जो तीन फल हरड़, बहेड़ा और आंवला को मिलाकर बनता है जिसे त्रिफला चूर्ण कहते है। आईए जानते है इसके सेवन करने से क्या फायदे होते है और कैसे करता है इस्तेमाल?
1. औषधिय गुणों से भरपूर
त्रिफला को औषधिय गुणों से भरपूर माना जाता है जिसमें एंटीबायोटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है यह बॉडी में वात, पित्त, और कफ तीनों को बैलेंस रखने में मदद करता है। यह 100 सालों से ज़्यादा हीलिंग रेमेडी की तरह इस्तेमाल होता आ रहा है।
2. डेंटल हेल्थ को बढ़ावा
त्रिफला के एंटी-माइक्रोबियल गुण प्लैक बनने से रोकते है जो कैविटीज़ और गम इन्फ्लेम्शन का कारण होता है। यह मूँह में बैक्टीरियल ग्रोथ होने से रोकता है। एक स्टडी में त्रिफला को माउथवाश की तरह इस्तेमाल करने से गम इन्फ्लेम्शन और कैविटीज़ में कमी देखी गयी है।
3. फैट लॉस में मदद
त्रिफला चूर्ण के इस्तेमाल से वजन कम होता है खासकर पेट की चर्बी कम होती है। शोध के अनुसार 10 ग्राम त्रिफला का रोज़ सेवन करने से वजन जल्दी घटता है, ऊर्जा बढ़ती है, हालांकि यह स्टडी चूहों पर ही की गई है जिसमें उन्हें हाई फैट डाइट सप्लीमेंट त्रिफला के साथ दिए गए थे।
4. पाचन के लिए बेहतर
प्राचीन काल से त्रिफला चूर्ण का सेवन पेट संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जा रहा है जैसे कॉन्स्टिपेशन, गैस, पेट दर्द, इंटेस्टिनल इन्फ्लेम्शन आदि। इसे नेचुरल लैक्सटिव के रूप में जाना जाता है पर अधिक मात्रा में सेवन डायरिया, डिस्कम्फर्ट पैदा कर सकता है।
5. ध्यान से करें सेवन
आयुवेर्द के अनुसार इसका रोज सेवन करने से परहेज करना चाहिए और रात को गरम दूध में मिलाकर पीना चाहिए। इसे आप गुनगुने पानी में मिलाकर भी पी सकते है और इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। प्रेग्नेंट औरतों को इसका सेवन करने से अवॉयड करें।