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''एक महिला का आत्मनिर्भर होना काफी ज़रूरी है'': ट्विंकल खन्ना

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Swati Bundela
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एक एक्ट्रेस, कॉलम्निस्ट (columnist ), लेखिका, इंटीरियर डिजाइनर, फिल्म प्रोड्यूसर और अब डिजिटल इंटरप्रेन्योर (entrepreneur ) भी, इन सब किरदारों को Twinkle Khanna बखूबी निभा रहीं है। अगर हम उनके पिछले कुछ वर्षों  के कामों पर नज़र दौड़ाए तो पाएंगे कि वो तेजी से खुद को  हर फील्ड में मजबूत कर रहीं है। इस आर्टिकल में आपको कई ज़रूरी टॉपिक्स पर Twinkle khanna ke vichaar जानने को मिलेगा।

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चाहे DNA के साथ एक कालम्निस्ट के रूप में काम करना हो, टाईम्स ऑफ इंडिया में अपने विचार खुल कर लिखना हो, बेहतर से बेहतर किताबें लिखकर बेस्टसेलर बनना हो, 'पैडमैन' जैसी अच्छी फिल्मों को प्रोड्यूस कर राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना हो या  'ट्वीक'(Tweak )- महिलाओं के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तैयार करना हो, इन सब कामों में ट्विकंल खन्ना बिना रूके आगे बढ़ रही है और काफी अच्छा कर रहीं है। जो की बहुत ही गर्व और मोटिवेट करने वाली बात है।



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twinkle khanna ट्विंकल खन्ना FICCI FLO कार्यक्रम मे।



हैदराबाद में हुए FICCI FLO  के एक कार्यक्रम में, ट्विंकल SheThePeople.TV आईडिया एडिटर किरण मनराल और FICCI FLO हैदराबाद की अध्यक्ष सोना चटवानी से अहम बातों पर बात की। उन्होने काम, रीइन्वेंशन (reinvention ), अगली जेनरेशन के लड़कों का पालन-पोषण और इससे जुड़े जरूरी टॉपिक्स पर बात की।
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जानिए Twinkle Khanna ने डिस्कशन के दौरान इन टॉपिक्स पर क्या कहा (Twinkle khanna ke vichaar):



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1.मल्टीटास्किंग पर बात करते हुए उन्होने कहा कि...



यदि आप कोई एक काम कर रही हैं तो पहले उसे अच्छे से, पूरा मन और ध्यान लगा कर करिए। हम सब जानते हैं कि एक साथ में कई काम अच्छे से नही हो सकता तो ऐसे में आप कामों को करने के लिए टाईम-टेबल फिक्स कर लें उसके हिसाब से सब कामों पर अपनी पकड़ बनाएं रखें।

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2.प्रोड्यूसर बनने पर ट्विंकल कहती है कि...



''मैंने एक फिल्म प्रोड्यूस की और उसने राष्ट्रीय पुरस्कार  तक जीत लिया। इसके लिए मुझे तमिलनाडु के सामाजिक कार्यकर्ता अरुणाचलम मुरुगनांथम (Arunachalam Muruganantham ), जिन्होंने कम लागत वाले सैनिटरी पैड बनाएं थे, से बात करने में 7 महीने लगे गए थे। मैं उन्हे हर एक दिन फोन करती थी, उन्हे ईमेल भी किया, लेकिन वो कोई जवाब नहीं दे रहे थे। आखिरकार एक दिन यह हुआ की मैं इंग्लैंड में थी और मैंने उन्हें फोन किया, अरुणाचलम ने मेरा फोन BBC का कॉल समझ कर उठाया और कहा '' मैं लंदन में हूं। '' मैने उन्हें कहा कि मैं वहा आ सकती हूं। और यही से सब कुछ शुरू हुआ।

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यह एक ऐसा विषय था जिसके बारे मैं लोग बात करने से इंकार करते थे। लोगों को इस विषय पर फिल्म दिखाना तो बहुत दूर की बात लगती थी। मैंने उन्हे फोन किया, मैंने ईमेल भेजे, मैंने उन्हे मिलने की पूरी कोशिश की। इस व्यक्ति का पैड से जुड़ा सारा काम और स्टोरी मुझे काफी अट्रेक्टेड लगी।  मुझे लगा कि मैं इस कहानी के साथ कुछ कर सकती हूं, इसे दुनिया के सामने ले जा सकती हूं, बातचीत शुरू कर सकती हूं और बस ! मैंने फैसला कर लिया।



मैं इस फिल्म को लेकर दुनिया भर में गयी। आपको लगता होगा कि यह हमारे जैसे देश मे एक समस्या है, लेकिन यह एक ऐसी समस्या है जिसका सामना दुनिया भर की महिलाएं करती है। ”
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Twinkle Khanna लेखिका ट्विंकल खन्ना



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3.अगली पीढ़ी के लड़कों की परवरिश पर वह बोली कि...



“हमें अपने बेटों को परिवार का देखभाल करना  सिखाना होगा जैसे हम अपने बेटियों को सिखाते है। हम यह सोच लोगों में तभी एम्बेड(embed ) कर सकते है जब हम खुद इसको फॉलो करे। हमें माता-पिता के रूप में यह बात चलानी चाहिए। उन्हें (बच्चो) पढ़ाएं, तरह-तरह की किताबें दे पढ़ने को जिससे उनकी समझ बढ़े। भले आपको अपने बच्चों से कुछ बात करने में  शर्म आए लेकिन फिर भी उनसे बात करें, ये करना काफी ज़रूरी है।”

4.उनकी मन की बात कहने पर..



“मैंने अक्सर कहा है कि मेरा नाम  ट्विंकल ट्रबल खन्ना होना चाहिए। में कभी कभी बहुत बोलती हूं कि मुझे रोकना पड़ता है। मेरी इस आदत के कारण मैं काफी परेशानियों में  भी पड़ गयी हूं। एक सेक्युलर व्यक्ति के रूप में, मैं नीतियों के लिए और खिलाफ बोलने में विश्वास करती हूं। ”

''एक महिला को खुद को छोड़कर किसी पर भी भरोसा करने की या किसी के सहारे रहने की कोई जरूरत नहीं है। उसे आत्मनिर्भर बनना चाहिए ताकि ज़िन्दगी जो चाहे खेल खेले , आप अकेले उसका सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहें। इससे जीवन कम चुनौतियों वाला हो जाता है क्योंकि आप तब जानते हैं कि जो भी कठिनाई जीवन आप को देगी आप उसका सामना कर सकते है।''



5.महिलाओं को अपनी पहचान बनाए रखने की आवश्यकता पर  ट्विंकल कहती है कि...



“मुझे लगता है कि किसी भी महिला के लिए अपनी पहचान छोड़ना बहुत गलत है। जब मैं बच्ची थी , मेरा बचपन काफी प्रिविलेज्ड (privileged ) था। मैं एक बड़े घर मे रहती थी। जब मैे दादी के घर जाती थी तब मैं अपनी मां को सुबह 5 बजे उठते देखती। सुबह उठकर वह जेन फोंडा एक्सरसाइज( Jane Fonda exercises ) करती लेकिन वॉल्यूम म्यूट पर रख कर ताकि हम सब ना जाग जाए। वो सुबह काम पर जाती और रात को 9 बजे घर आती। उन्हें देख मुझे लगता था कि मेरी माँ सुपरविमेन (superwoman) है।"



''एक महिला को खुद को छोड़कर किसी पर भी भरोसा करने की या किसी के सहारे रहने की कोई जरूरत नहीं है, ताकि ज़िन्दगी जो चाहे खेल खेले , आप हमेशा तैयार हो। जीवन कम चुनौतियों वाला तब हो जाता है जब आप जानते हो कि ये आपको जो भी कठिनाई दे आप उंनका सामना करने के लिए तैयार है।''



ये सब  हैं Twinkle khanna ke vichaar.



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