Vaginal Changes After Giving Birth: माँ बनना हर औरत की जिंदगी का सबसे खुशनुमा पल समझा जाता है। लेकिन माँ बनने की जर्नी इतनी आसान नहीं होती। प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं और जब माँ बच्चे को जन्म देती है उसके बाद भी महिलाओं का शरीर खुद में कई बदलाव करता है। आमतौर पर डिलीवरी के बाद महिलाओं की वजाइना ढीली या लूज़ पड़ जाती है, लेकिन कुछ समय बाद वो दुबारा अपने पुराने शेप में वापस आजाती है। आईये जाने क्या वेजाइना का ये ढीलापन हमेशा के लिए होता है-
Vaginal Changes After Giving Birth :क्या प्रेगनेंसी के बाद वेजाइना हमेशा के लिए लूज़ हो जाती है ?
आमतौर पर महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट से रिलेटेड किसी भी समस्या का ज़िक्र करना पसंद नहीं करती यहाँ तक कि वो डॉक्टर से भी अपनी समस्या डिसकस नहीं कर पाती। वेजाइना का ढीलापन भी इन्हीं समस्याओं में से एक है। वजाइना (योनि) में ढीलापन कई बार महिलाओं के उनके अपने पार्टनर से रिश्तों को भी काफी प्रभावित करता है। यही नहीं वेजाइना में ढीलापन महिलाओं के कॉन्फिडेंस को भी काफी प्रभावित करता है, इसीलिए इस बारें में डॉक्टर्स से खुल कर बात करनी जरुरी है।
वेजाइना लूज़ होने के क्या हैं कारण
वैसे को वेजाइना का ढीलापन कई कारणों से हो सकता है, जैसे ज्यादा सेक्स करना, मल्टीप्ल पार्टनर्स, मेनोपॉज़; पर सबसे बढ़ा कारण होता है चाइल्ड बर्थ। नेचुरल डिलीवरी होने पर वजाइना के इलास्टिन टिश्यूज रप्चर हो जाते हैं, जो कभी हील नहीं हो पाते. इसी कारण वजाइना में ढीलापन आ जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वेजाइना का ये ढीलापन हमेशा के लिए हो जाता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
कई स्टडीज और डॉक्टर्स के मुताबिक महिलाओं की वेजाइना एक इलास्टिक की तरह काम करतीहै। इसका मतलब है कि महिलाओं में वेजाइना जरुरत के हिसाब से आकर लेती है और दुबारा पहले जैसे हो जाती है। कई महिलाएं मानती हैं कि डिलीवरी के बाद उनकी वेजाइना लूज़ पड़ जाएगी और फिर पहले जैसे कभी नहीं होगी। ये केवल एक मिथ है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के जन्म के समय वेजाइना अपने पुरे लिमिट्स तक एक्सपैंड होती है, जिससे उसे वापस अपने साइज में आने में वक़्त लगता है। कई केसेस में इलास्टिक टिश्यू के ज्यादा रप्चर होने पर लूसेनिंग बन जाती है लेकिन समय के साथ फिर से सब पहले जैसा हो जाता है।
कीगल एक्सरसाइज से होता है फायदा
वैसे तो हर उम्र की महिलाओं को यह एक्सरसाइज करना चाहिए, लेकिन अगर वजाइना में ढीलेपन की समस्या ज्यादा है तो रोजाना कीगल एक्सरसाइज को जरूर करें. कीगल एक्सरसाइज को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है. इसे करने के लिए सबसे पहले अपनी कीगल मांसपेशियों को पहचानें, मैट पर अपने पैरों को घुटनों से मोड़ कर बैठें। अब अपने दोनों हाथों को कमर के अगल-बगल चिपका लें और घुटनों और कूल्हों पर जोर देते हुए कूल्हे को जमीन से ऊपर उठाएं। इस पोजिशन में 10 से 12 सेकंड तक रहने की कोशिश करें।