Ways To Deal With Depression: आज की बिजी लाइफ में हमारे पास ख़ुद के बारे में दो मिनट रुककर सोचने की फ़ुर्सत नहीं है, डिप्रेशन की ओर वर्ल्ड हेल्थ डे पर आई वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट इस बात को क्लियर करती है, जिसके मुताबिक़ पिछले एक दशक में डिप्रेशन के मामलों में 18% की बढ़ोतरी हुई है, उस रिपोर्ट की सबसे चौंकानेवाली बात रही 25% इंडियन टीनेज को डिप्रेशन का शिकार बताया जाना।
Ways To Deal With Depression: डिप्रेशन के लक्षणों से निपटने के कुछ तरीके -
1.खुद को बिजी रखें
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए खुद को बिजी रखना बहुत जरूरी है। इसलिए सबसे पहला काम यही करें, कि खुद को बिजी रखने का तरीका ढूंढें। डिप्रेशन से परेशान शख्स अक्सर होपलेस और हार जाता है। इसलिए जरूरी है, कि उन बातों को खुद पर हावी न होने दिया जाए, जिससे आप परेशान होते है, दिन भर में ढेर सारा काम कीजिए, इतना जो दिन भर आपको बिजी रखे। खुद को बुरी तरह थका डालिए। ताकि जब थककर बेड पर जाएं, उस वक्त लेटते ही नींद आ जाए।
2. हेल्थी खाएं और रोज़ाना एक्सरसाइज करें
हेल्थी और बैलेंस्ड खाने से मन ख़ुश रहता है, वहीं कई साइन्टीस्ट बताते हैं, कि एक्सरसाइज डिप्रेशन को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तब सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो दिमाग़ को स्टेबल करते हैं, डिप्रेशन को बढ़ाने वाले थॉट आने कम होते हैं, एक्सरसाइज से हम न केवल हेल्थी बनते हैं, बल्कि हमारी बॉडी में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो होता है।
3. अपने अंदर के राइटर को दोबारा जगाएं
कहते हैं, मन की बातो को यदि आप किसी को बता नहीं सकते है, तो पेन और पेपर लेकर उन्हें लिख डालें, लिखने से अच्छा स्ट्रेस बस्टर शायद ही कुछ और हो, इसके अलावा अपनी मन की बातें लिखने से हमे खुद को समझने और जानने में मदद मिलती है, डायरी लिखने से लोग कुछ नए तरीक़े से डिप्रेशन से बाहर आते हैं, इन दिनों ब्लॉग्स का भी ऑप्शन है, आप फ़ेसबुक पर भी अपने थॉटस शेयर कर सकते हैं।
4. नींद पूरी लें
एक अच्छी और पूरी रात की नींद हमें पॉजिटिव एनर्जी से भर देती है, स्टडी से पता चला है, कि रोज़ाना 7 से 8 घंटे सोने वाले लोगों में डिप्रेशन के लक्षण कम देखे जाते हैं, इसलिए बिजी शेड्यूल होने के बावजूद अपनी नींद से कोम्प्रोमाईज़ न करें।
5.पुरानी बातों के बारे में न सोचें
अपनी पुरानी भूलों और ग़लतियों के बारे में ज्यादा सोचना आपको पूरी तरह से डिप्रेशन के चंगुल में फंसा सकता है, एक तो पुरानी बातें आपके कंट्रोल में नहीं होतीं, फिर उस बारे में सोच-सोचकर क्या फ़ायदा? आप बेवजह अपने दिलोदिमाग़ पर गिल्ट का बोझ बढ़ाते हैं, पुरानी बातों के बारे में सोचने के बजाय आज पर फ़ोकस करें.