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पेगासस स्नूपगेट विवाद क्या है? जानिए इसके बारे में सारी बातें

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Swati Bundela
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पेगासस स्नूपगेट विवाद का नाम सामने आते ही सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो चुकी हैं। सरकार के गलत कदमों पर फैसला उठाने वाले तमाम बड़े पत्रकार, राजनेता, सोशल हस्तियां, और बड़े वर्चस्व वाले लोगों पर जासूसी के इस आरोप ने सरकार की मंशाओं पर उंगलिया उठा दी हैं। पेगासस स्नूपगेट विवाद

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क्या है ये पूरा मामला ?



बड़े मीडिया संगठन जैसे की द वाशिंगटन, द गार्जियन और भारत की तरफ से द वायर ने साथ मिलकर एक जांच की हैं जिसमे ये खुलासा हुआ है की कई लोगों की जासूसी की जा रही हैं। इस रिपोर्ट में सामने आया है की इसमें वकील, पत्रकार, नेता इत्यादि लोग शामिल हैं।

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पेगासस विवाद का खुलासा रविवार को हुआ था, जब मीडिया संगठनों ने मिलकर इसमें विक्टिम्स का नाम उजागर किया। जांच में ये सामने आया की सरकार या सरकार के करीबियों की आलोचना करने वालो के ही नाम इसमें शामिल हैं। मामले की गहराई इस प्रकार समझ लीजिये की इस सूची में वैरोलॉजिस्ट गगनदीप कौर का नाम भी शामिल है क्योंकि उन्होंने भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ आरोप लगाए थे।

क्या है पेगासस ?

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पेगासस एक तरह का स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है जिसे इजराइल के एनएसओ ने बनाया है। इसके निर्माताओं का दावा है की वह यह सॉफ्टवेयर दुनिया भर में केवल सरकारों को बेचती है। जांच में पाया गया है की इस सूची में 45 देशों की सरकारें शामिल है। इसमें भारत, मोरक्को, रवांडा, सऊदी अरब और यूएई और कई अन्य प्रमुख देशों के नाम भी शामिल हैं।

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गार्जियन ने इस पूरे विवाद पर लिखा है की यह साइबर सर्विसेज का ग्लोबल एब्यूज है। इसका अर्थ होता है की इंटरनेट के शक्ति का दुरुपयोग। यह सॉफ्टवेयर किसी भी एंड्राइड या आईफोन में जाकर डेटा लीक करके हैकर को दे सकता है।

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किसका नाम है लिस्ट में ?



जिन लोगों पर जासूसी की गयी है उनमे राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, पत्रकार रोहिणी सिंह, स्वाति चतुर्वेदी, विजेता सिंह और कई अन्य लोग भी शामिल हैं। हालाकिं भारत के आईटी मिनिस्टर अश्विनी ने इस बात को खारिज करते हुए कहा है की ऐसा कुछ नही हुआ है।



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