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पीरियड शेमिंग क्या है, जब लड़कियां पीरियड्स में होती हैं तो उनको गन्दा और अस्वच्छ माना जाता है। उन्हें अशुद्ध समझा जाता है। लड़कियों को पीरियड होना , इंसान के सांस लेने जितना ही नार्मल है। लेकिन न जाने फिर भी क्यों हम इसे अपना नहीं पा रहे हैं। आज इक्कीस वि सदी में रहने के बाद भी कई तरह की पुरानी सोच और ग़लतफ़हमी चली आ रही हैं। और महिलाओं के साथ पीरियड्स के वक़्त बुरा व्यवहार हो रहा है।
हमें यह सुनिश्चित करना होगा की ऐसा न हो। और हमें हर लड़की को मेंटस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में सिखाना होगा और पढ़ना भी। कभी किसी लड़की को अपने पीरियड की वजह से कहीं पीछे न हटना पड़े ऐसा सुनिश्चित करना होगा। पीरियड्स शेमिंग क्या है
यह रोकने के लिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा और पढ़ाना होगा की ऐसा करना गलत है। और महिलाएं पीरियड्स के समय अशुद्ध नहीं होती हैं। बल्कि यह तो एक नार्मल प्रोसेस है और इसमें कोई खराबी नहीं है। हमें लोगों को अन्धविश्वास से हटाना होगा और उन्हें सही शिक्षा देनी होगी।
साथ ही लड़कियों को और महिलाओं को भी समझाना और जागरूक करना होगा ताकि वह खुद अपने साथ ऐसा अत्याचार न होने दें।
हमें यह सुनिश्चित करना होगा की ऐसा न हो। और हमें हर लड़की को मेंटस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में सिखाना होगा और पढ़ना भी। कभी किसी लड़की को अपने पीरियड की वजह से कहीं पीछे न हटना पड़े ऐसा सुनिश्चित करना होगा। पीरियड्स शेमिंग क्या है
कुछ भारतीय महिलाओं के साथ पीरियड्स में ऐसा भी करते हैं-
- उन्हें उनके बच्चों से अलग कर दिया जाता है।
- और उन्हें एक अलग काले कमरे में रख दिया जाता है .
- उनके साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जाता है।
- पीरियड्स में लड़कियों को खाना देने से भी इंकार कर देते हैं।
- और उन्हें अशुद्ध माना जाता है और उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे की उन्हें कोई अछूत बीमारी हो गयी हो।
- उनको नीचे ज़मीन पर बैठने को बोला जाता है ।
- उन्हें किचन में आने से रोक दिया जाता है।
- उन्हें नीचे अलग बिस्तर पर सुलाया जाता है ।
कैसे रोकें इस सोच को ?
यह रोकने के लिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा और पढ़ाना होगा की ऐसा करना गलत है। और महिलाएं पीरियड्स के समय अशुद्ध नहीं होती हैं। बल्कि यह तो एक नार्मल प्रोसेस है और इसमें कोई खराबी नहीं है। हमें लोगों को अन्धविश्वास से हटाना होगा और उन्हें सही शिक्षा देनी होगी।
साथ ही लड़कियों को और महिलाओं को भी समझाना और जागरूक करना होगा ताकि वह खुद अपने साथ ऐसा अत्याचार न होने दें।