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1. क्या है स्टेरॉइड्स ?
स्टेरॉइड्स आर्गेनिक कंपाउंड्स होते हैं जिनका मैन फंक्शन्स हैं हमारे सेल मेम्ब्रेन की फ्लुइडिटी को मेन्टेन रखना और सिग्नल भेजने वाले मोलेक्युल्स की तरह काम करना। स्टेरॉइड्स का ही एक प्रकार है कॉर्टिस्टेरॉइड्स जिसे डॉक्टर्स अभी कोरोना में प्रेस्क्रिब कर रहे हैं। ये कॉर्टिस्टेरॉइड्स हमारे एड्रेनल ग्लैंड में सेक्रेटे होने वाला हॉर्मोन कोर्टिसोल के उत्पत्ति में मदद करते हैं जो हमारे इम्यून रिस्पांस और मेटाबोलिज्म को रेगुलेट करता है।
2. क्या सभी कोरोना पेशेंट्स को चाहिए स्टेरॉइड्स?
ये धारणा बिलकुल गलत है। जिन लोगों को कोरोना के असिम्पटोमैटिक या माइल्ड सिम्पटम्स है उन्हें स्टेरॉइड्स की ज़रूरत नहीं है। जिनके ऑक्सीजन लेवल में भी घटाव नहीं होता है और जिनके सिम्पटम्स 6-7 दिन के अंदर चले जाते हैं उन्हें स्टेरॉइड्स का सेवन करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है।
3. किन्हें ज़रूरत है स्टेरॉइड्स की ?
जिन कोरोना पेशेंट्स का ऑक्सीजन लेवल सचुरेशन पॉइंट से नीचे हो जाता है, जिनके गले और लंग्स में कलिकेशन्स बढ़ जाते हैं और जिनका बुखार तेज़ी से बढ़ता ही चला जाता है उनकों स्टेरॉइड्स प्रेस्क्रिब किया जाता है। जिनको कोरोना रिकवरी के बाद लंग्स में फिब्रिओसिस हो सकता है उन्हें भी स्टेरॉइड्स लेना चाहिए।
4. शुरू में अवॉयड करें स्टेरॉइड्स
हमारा शरीर अपनी इम्युनिटी खुद बनाने में सक्षम होता है। इसलिए अगर आपको कोरोना के सिम्पटम्स हो तो तुरंत स्टेरॉइड्स न लें। अपने शरीर को अपने दम पर रिकवरी का ममोका ज़रूर दें। अगर शुरू के 5-6 दिनों के अंदर आपकी हालत में सुधर न हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही स्टेरॉइड्स का सेवन करें।
5. क्या बिना डॉक्टर के कंसल्टेशन के स्टेरॉइड्स लेना सही है ?
ऐसी गलती कभी भी न करें। फिर चाहे आपको कितने ही सीरियस कॉम्प्लीकेशन्स या सिम्पटम्स हो बिना डॉक्टर के कंसल्टेशन के स्टेरॉइड्स लेना सही नहीं है। इस बात को ध्यान में रखें की सेरोइड्स एक प्रकार का ड्रग है और उसका सही यूज़ ही आपके लिए फायदेमंद है। स्टेरॉइड्स का प्रिक्रिप्शन उम्र और वज़न जैसे फैक्टर्स पे डिपेंड करता है। इसलिए खुद डॉक्टर ना बनें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।