अच्छी औरत कौन होती है? समाज में औरतों के लिए कई नियम है जिन्हे औरतें नियम समझकर मान लेती है। जब महिलाएं समाज की धारणाओं को अपनाती है तो वो एक आदर्श बहु, आदर्श बेटी और एक आदर्श औरत कहलाती है। लेकिन अच्छी औरत कौन है और कौन नही ये तय करना क्या लोगो का काम है?जानिए अच्छी औरत कौन होती है और क्या ऐसा कहना सही है?
अच्छी औरत कौन होती है?
समाज के हिसाब से सबसे अच्छी औरत वो होती है जो खाना बनाना जानती हो, घर संभाले और अपने पति और बच्चे का खयाल रखें। अगर कोई औरत खाना बनाना नही जानती तो उसे एक आदर्श नही समझा जाता। जबकि खाना बनाना ये सबकी जरूरत होती है, जो औरत हो या आदमी दोनो को पता होना चाहिए। घर और बच्चे को संभालना भी सिर्फ औरत की जिम्मेदारी नहीं होती, घर के पुरुष ने भी साथ देना चाहिए।
हम देखते आए है कि फिल्मों में और डेली सोप में एक आदर्श महिला को बिचारी और मासूम दिखाते है। ऐसी औरत जो अपने भावनाए तभी जताती है जब उसे पूछा जाता है। अगर कोई महिला बिना पूछा अपनी परेशानियां बताए तो उसे नौटंकी कहा जाता है। समाज के हिसाब से महिलाओं ने अपनी भावनाए दबा कर रखनी चाहिए और तब ही बतानी चाहिए जब पूछा जाए, ऐसी औरत को अच्छी औरत कहा जाता है।
हम जानते है की हर घर में ये माना जाता है कि घर की औरतें घर के बाहर जाए तो घर के बड़ो से या अपने पति से पूछकर जाए। औरतों का बिना बताए घर के बाहर निकलना गलत माना जाता है। इसके साथ अच्छी औरत वो कहलाई जाती है जो अपने हर निर्णय खुद ना लेते हुए अपने पति से या पिता से पूछे। अगर कोई औरत खुद के फैसले खुद लेती है तो वो एक अच्छी औरत नही कहलाती। समाज की ये सोच बिलकुल गलत है, क्योंकि एक महिला अब पढ़ी लिखी होती है और अपने फैसले पूरे आत्मविश्वास के साथ लेती है।
समाज में औरतों के बारे में एक छवि बनाकर रखी है जिसके हिसाब से औरते नाजुक, कम बोलने वाली, हमेशा सबकी बात सुनने वाली, गोरी होनी और पतली होनी चाहिए। तब ही वो एक अच्छी औरत कहलाती है। पर औरतों को उनके रंग रूप, बल और घर संभालने की योग्यता से जज करना क्या सही है? आज की महिला तंदुरुस्त रहना, काम करना , करियर पर ध्यान देना और अपने फैसले खुद लेना इसपर भरोसा करती है। इसलिए अच्छी औरत कौन है कौन नही इसका फैसला कोई और नहीं कर सकता। समाज में औरतों की ऐसी छवि बनाना गलत है।