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कोविड-19 की दूसरी वेव हमारे देश में चरम पर है। जहाँ इस वायरस के वज़ह से कई नयी तरह की बीमारियाँ सामने आ रही है वहीं इससे लड़ने के लिए भी डॉक्टर्स कई अलग-अलग दवाइयों के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। कोविड से बचने के लिए सबसे कारगर उपाय है इसकी वैक्सीन लगवाना। पर जिनको कोविड हो चुका है उनके लिए नयी-नयी दवाइयाँ डॉक्टर्स प्रेस्क्रिइब कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स कोविड पेशेंट्स को ब्लड थिनर्स प्रेस्क्रिइब कर रहे हैं। आइये जानते है ब्लड थिनर्स के बारे में:
ब्लड थिनर्स एक प्रकार के एंटी-प्लेटलेट एजेंट्स हैं जो ब्लड वेसल्स के ऊपर ब्लड क्लॉट को रोकने में हमारे शरीर की सहायता करते हैं। आम तौर पर ये डायबिटीज और हृदयरोग के पेशेंट्स को दिए जाते हैं क्योंकि उनके शरीर में ब्लड क्लॉट की सम्भावना ज़्यादा होती है। कोविड से जूझ रहे लोगों के लिए भी ब्लड क्लॉट का ख़तरा ज़्यादा है विशेष कर उनके लिए जिनको पहले से ही डायबिटीज या हृदयरोग की बीमारी है। इसलिए इसे कोविड पॉजिटिव पेशेंट्स को डॉक्टर्स प्रेस्क्रिइब कर रहे हैं।
डॉक्टर्स बताते हैं कि ब्लड थिनर्स कोविड पेशेंट्स को उनके रिकवरी फेज में ही देना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय में उनके शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनने की सम्भावना बढ़ जाती है। जिन पेशेंट्स में कोविड के असिम्पटोमैटिक लक्षण है उन्हें ब्ल्लूड थिनर्स की ज़रूरत नहीं है। जिनके शरीर में इंफ्लेमेटरी कंडीशंस है उनके लिए ब्लड थिनर्स सबसे कारगर हैं। हालाँकि इस विषय में अपने डॉक्टर से ख़ुद के लिए सही जानकारी ले लेने में ही भलाई है।
यहाँ ये बात ध्यान में रखनी ज़रूरी है कि ब्लड थिनर्स एक प्रकार का ड्रग है जिसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही होना चाहिए। ख़ुद से सेल्फ प्रिस्क्रिप्शन पर इसे लेना काफ़ी भारी पर सकता है। इसकी दोसागे बीमारी के सीरियसनेस के हिसाब से तय होती है और इसके बारे में सिर्फ़ आपका डॉक्टर ही आपको सही सलाह दे सकता है।
ब्लड थिनर्स का प्रयोग केवल कोविड के क्रिटिकल पेशेंट्स पर ही होना चाहिए। जिन पेशेंट्स की पहले से ही कोई हृदयरोग की हिस्ट्री है या फिर जिनके शरीर में इंफ्लेमेटरी मार्कर्स बढ़ गए हैं उनके लिए ब्लड थिनर्स सही है। लेकिन जिन पेशेंट्स के इंफ्लेमेटरी मार्कर्स नॉरमनाल है और उनको कोविड के बस माइल्ड लक्षण है, उन्हें ब्लड थिनर्स से दूरी बना कर रखनी चाहिए। यहाँ एक बात और जो ध्यान में रखना ज़रूरी है कि इसके सेवन का फ़ैसला आपके डॉक्टर का ही होना चाहि। बिना डॉक्टर की सलाह के इसे ना ले।
1. क्या होते हैं ब्लड थिनर्स?
ब्लड थिनर्स एक प्रकार के एंटी-प्लेटलेट एजेंट्स हैं जो ब्लड वेसल्स के ऊपर ब्लड क्लॉट को रोकने में हमारे शरीर की सहायता करते हैं। आम तौर पर ये डायबिटीज और हृदयरोग के पेशेंट्स को दिए जाते हैं क्योंकि उनके शरीर में ब्लड क्लॉट की सम्भावना ज़्यादा होती है। कोविड से जूझ रहे लोगों के लिए भी ब्लड क्लॉट का ख़तरा ज़्यादा है विशेष कर उनके लिए जिनको पहले से ही डायबिटीज या हृदयरोग की बीमारी है। इसलिए इसे कोविड पॉजिटिव पेशेंट्स को डॉक्टर्स प्रेस्क्रिइब कर रहे हैं।
2. कोविड में कब देना चाहिए ब्लड थिनर्स?
डॉक्टर्स बताते हैं कि ब्लड थिनर्स कोविड पेशेंट्स को उनके रिकवरी फेज में ही देना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय में उनके शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनने की सम्भावना बढ़ जाती है। जिन पेशेंट्स में कोविड के असिम्पटोमैटिक लक्षण है उन्हें ब्ल्लूड थिनर्स की ज़रूरत नहीं है। जिनके शरीर में इंफ्लेमेटरी कंडीशंस है उनके लिए ब्लड थिनर्स सबसे कारगर हैं। हालाँकि इस विषय में अपने डॉक्टर से ख़ुद के लिए सही जानकारी ले लेने में ही भलाई है।
3. कभी सेल्फ प्रेस्क्रिइब ना करे ब्लड थिनर्स
यहाँ ये बात ध्यान में रखनी ज़रूरी है कि ब्लड थिनर्स एक प्रकार का ड्रग है जिसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही होना चाहिए। ख़ुद से सेल्फ प्रिस्क्रिप्शन पर इसे लेना काफ़ी भारी पर सकता है। इसकी दोसागे बीमारी के सीरियसनेस के हिसाब से तय होती है और इसके बारे में सिर्फ़ आपका डॉक्टर ही आपको सही सलाह दे सकता है।
4. किन को लेना चाहिए ब्लड थिनर्स?
ब्लड थिनर्स का प्रयोग केवल कोविड के क्रिटिकल पेशेंट्स पर ही होना चाहिए। जिन पेशेंट्स की पहले से ही कोई हृदयरोग की हिस्ट्री है या फिर जिनके शरीर में इंफ्लेमेटरी मार्कर्स बढ़ गए हैं उनके लिए ब्लड थिनर्स सही है। लेकिन जिन पेशेंट्स के इंफ्लेमेटरी मार्कर्स नॉरमनाल है और उनको कोविड के बस माइल्ड लक्षण है, उन्हें ब्लड थिनर्स से दूरी बना कर रखनी चाहिए। यहाँ एक बात और जो ध्यान में रखना ज़रूरी है कि इसके सेवन का फ़ैसला आपके डॉक्टर का ही होना चाहि। बिना डॉक्टर की सलाह के इसे ना ले।