Intramarital Affairs: आज एक सामान्य-सी बात हो गई है, इंटर मैरिटल अफेयर्स। पर क्या आप जानते हैं इंटर मैरिटल अफेयर्स के पीछे के मुख्य कारण क्या हैं। आज हम आपके सामने लेकर आए हैं, क्यों हक्तिक संबंध :-
हमारे समाज में और हिंदी सिनेमा में अक्सर दिखाया जाता है–शादी-शुदा जोड़ों के बीच असामान्य व्यवहार, शादी से परे किसी और से संबंध, संबंध-विच्छेद होना आदि। इसमें मुख्य रूप से पुरुषों की भूमिका बहुत ज़्यादा दिखाई जाती हैं। आज हम आपको ले जाते हैं उन मुख्य वजहों की ओर जिनसे यह चीज़ें शुरू होती हैं :-
- आपस में कोआर्डिनेशन की कमी
अक्सर देखा जाता है कि पति-पत्नी के बीच कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन की कमी के चलते, आपसी रिश्तो में तनाव आ जाता है। इससे पार्टनर बाहर किसी अन्य की तलाश शुरू कर देता है। - इम्मेच्योरिटी
बेवजह का आपसी दख़ल, बेवजह के शक़ पैदा करता है। पूरी बात ना बताना, अधूरी बात छोड़ना, आपस में लड़ाई-झगड़े का एक मुख्य कारण है। इससे एक-दूसरे को समझने में कमी आती है और रिश्तों में टकराव होता है। - किसी नई तलाश में
अक्सर शादियां ज़बरदस्ती से हो जाती हैं। ऐसे में एक सामान्य बात यह है के पाटनर में सब कुछ नहीं हो सकता। किसी नई चीज़ की तलाश के लिए पार्टनर्स किसी दूसरे को अप्रोच करते हैं। - हर बात में कमी निकालना
हर बात में कमी निकालना किसे पसंद होता है? ऐसे में जब यह बात शादी-शुदा रिश्तो के बीच आ जाती है तो समस्या और बढ़ जाती है। रिश्ते सही तरह नहीं चल पाते। - सहनशक्ति की कमी
पुरुषों में सहनशक्ति की कमी होती है। ऐसे में बेवजह का झगड़ा उन्हें परेशान कर देता है। और वो किसी नए पार्टनर की तलाश में निकल जाते हैं। - एडवेंचर से प्रेम
पुरुषों को एडवेंचर पसंद होता है। ऐसे में जब रिश्ते सामान्य रूप से चलते रहते हैं तब वह बोर हो जाते हैं। वह किसी नई तलाश में निकल पड़ते हैं। - सेक्स में कमी
एक दूसरे को समय न दे पाने और सेक्स लाइफ़ में कमी आ जाने से भी शादीशुदा जोड़ों में टकराव पैदा हो जाता है। अनबन होने लगती है और रिश्तो में दरार आ जाती है। - हंसमुख और जिंदादिल
हर किसी को पॉजिटिविटी पसंद है। ख़ुशनुमा माहौल और जिंदादिली रिश्तो के बीच हो तो रिश्तो में टकराव कम होता है।
ऐसे में ध्यान दें आप दोनों के बीच कोई और न आ पाए। एक दूसरे की पसंद-नापसंद को जाने। आपस में बात करें। आपस में बात करके ही बड़ी से बड़ी समस्या का निपटारा किया जा सकता है। बेवजह के शक़ न पालें।