पीरियड्स एक बहुत ही नॉर्मल फेनोमेनन है लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि हर लड़की के लिए पीरियड्स के दौरान का समय आसान होता है। इन दिनों जहाँ एक तरफ लड़कियों के बॉडी में हार्मोनल फ्लुक्टुएशन्स होते रहते हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे समय में एंग्जायटी के कारण भी लड़कियां ज़रूरत से ज़्यादा इमोशनल हो सकती है। पीरियड्स के दौरान रोना बहुत कॉमन है, इसलिए इन चीज़ों को देखकर अजीब फील करने की कोई ज़रूरत नहीं है। ऐसे कई कारण है जो लड़कियों को पीरियड्स के दौरान काफी इमोशनल कर सकते हैं।
जानिए पीरियड्स के दौरान लड़कियों के रोने के 5 कारण:
1. क्रैम्प्स
पीरियड्स के समय क्रैम्प्स तब होते हैं जब हमारे बॉडी में प्रोस्टाग्लैंडीन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। ये हॉर्मोन हमारे यूटेराइन लाइनिंग से सेक्रीट होता है ताकि वो इसे शेडिंग के लिए प्रिपेयर कर सके। ये ज़रूरी नहीं है कि हर लड़की को पीरियड्स में क्रैम्प्स हो, लेकिन क्रैम्प्स होना बहुत कॉमन है। हर लड़की के क्रैम्प्स की इंटेंसिटी अलग होती है इसलिए ये बिल्कुल संभव है कि क्रैम्प्स आपको इमोशनल कर दें।
2. मूड स्विंग्स और फ़ूड क्रेविंग्स
हमारे बॉडी में जब प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है तब हमें फ़ूड क्रेविंग्स होते हैं।ये हॉर्मोन पीरियड्स के समाय सबसे ज़्यादा सेक्रीट होता है और इसलिए हमें ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगती है। इसी तरह बॉडी में सेरोटोनिन हॉर्मोन की कमी के कारण हमें मूड स्विंग्स होते हैं। ये मूड स्विंग्स हमें काफी फ़्रस्ट्राटे कर सकते हैं और इसलिए ये मुमकिन है कि इनके कारण भी हम पीरियड्स में रोने लगें।
3. ब्लड की स्मेल का डर
पीरियड्स को लेकर सोसाइटी में इतना स्टिग्मा फैला है कि आज भी कई लोग इसको पब्लिकली नॉर्मलाईज़ नहीं कर पाते हैं। कई लड़कियों को पीरियड्स के दौरान इस बात का डर रहता है कि कहीं उनकी बॉडी पीरियड ब्लड की तरह तो नहीं स्मेल कर रही है जब की ऐसा होता है। इस डर के कारण भी लड़कियां कई बार रो देती हैं।
4. पीरियड लीक्स का डर
पीरियड्स में लीक्स से गुज़ारना बहुत लोगों को डरा देता है क्योंकि सोसाइटी इसको नॉर्मलाईज़ नहीं करती है। यही वजह है के आज भी कई लड़कियां पब्लिक प्लेस में पीरियड्स के समय जाने से कतराती हैं और अगर जाती भी हैं तो उनको हर समय लीक्स का ही डर लगा रहता है।
5. हर 2-4 घंटे में पैड्स और टेम्पोंस चेंज करना
पीरियड्स में सबसे ज़्यादा फ़्रस्ट्रेशन देता है पीरियड प्रोडक्ट को हर 2-4 घंटे में चेंज करना। कई बार अगर आप घर से बाहर हैं तो ये काम आपको बहुत मुश्किल में भी डाल देता है। ऐसे में ये बिलकुल नॉर्मल है कि आपको रोना आ जाए।