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हर साल 28 मई मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के रूप में मनाया जाता है। मेंस्ट्रुएशन एक बहुत ही नेचुरल प्रोसेस है जिससे विश्व की आधी फीमेल पॉपुलेशन गुज़रती है। मेंस्ट्रुएशन का मतलब है जब हमारे यूटेरस की लाइनिंग शेड होती है और वो वजाइना के रास्ते हमारे शरीर से निकल जाती है। इस बात को लेकर इतना स्टिग्मा फैला हुआ है की ज़्यादातर महिलाएं और बच्चियां इस समय में अपना हाइजीन ठीक से मेन्टेन नहीं कर पाती हैं और इसके चलते पीरियड्स और मेंस्ट्रुएशन उनके लिए एक बुरा सपना बन जाता है।
मेंस्ट्रुएशन का सीधा लिंक हमारे शरीर के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से है। अगर मेंस्ट्रुएशन के दौरान हम हाइजीन नहीं मेन्टेन करेंगे तो इस कारण हमें बहुत सारी बिमारियों का भी समाना करना पर सकता है। इसके बारे में सही जानकारी ना होने के कारण दुनिया भर में ना जाने कितनी महिलाएं अभी भी पीरियड प्रोडक्ट्स के जगह पत्ते,पेपर और राख़ को यूज़ कर रही हैं। ऐसी प्रैक्टिसेज जानलेवा हो सकती हैं।
पीरियड्स का सीधा संपर्क ओवुलेशन से है और ओवुलेशन का सीधा संपर्क है लाइफ की कॉन्टिनुइटी से। इसलिए इस बात पे लोगों को शर्म आये तो ये बहुत ही गलत है। UNICEF के एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर साल 23 प्रतिशत लड़कियां स्कूल ड्रॉप कर देती है क्योंकि उन्हें ये पता ही नहीं है की पीरियड्स के दौरान वो अपना ख्याल सही से रखते हुए अपनी पढ़ाई कैसे कंटिन्यू करें।
पीरियड्स में हाइजीन की नॉलेज की कमी को देखते हुए साल 2014 में जर्मनी की एक एनजीओ "वॉश" ने 28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मानाने का प्रस्ताव रखा था। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि आम तौर पर मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का होता और मेंस्ट्रुएशन कुल 5 दिन का होता है। इसलिए साल के पांचवे महीने के अट्ठाईसवें दिन को इसे मानाने का फैसला लिया गया।
मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे को मानना बहुत ज़रूरी है। इस दिन हमारी यहीं कोशिश होनी चाहिए की हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पीरियड्स की सही जानकारी पहुँचाए और इसके प्रति समाज में जो भी स्टिग्मा फैला है उसे ख़तम करने में अपना योगदान दें।
क्यों मनाया जाता है ये दिन?
मेंस्ट्रुएशन का सीधा लिंक हमारे शरीर के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से है। अगर मेंस्ट्रुएशन के दौरान हम हाइजीन नहीं मेन्टेन करेंगे तो इस कारण हमें बहुत सारी बिमारियों का भी समाना करना पर सकता है। इसके बारे में सही जानकारी ना होने के कारण दुनिया भर में ना जाने कितनी महिलाएं अभी भी पीरियड प्रोडक्ट्स के जगह पत्ते,पेपर और राख़ को यूज़ कर रही हैं। ऐसी प्रैक्टिसेज जानलेवा हो सकती हैं।
लोगों में अभी भी इसको लेकर फैला हुआ है शर्म
पीरियड्स का सीधा संपर्क ओवुलेशन से है और ओवुलेशन का सीधा संपर्क है लाइफ की कॉन्टिनुइटी से। इसलिए इस बात पे लोगों को शर्म आये तो ये बहुत ही गलत है। UNICEF के एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर साल 23 प्रतिशत लड़कियां स्कूल ड्रॉप कर देती है क्योंकि उन्हें ये पता ही नहीं है की पीरियड्स के दौरान वो अपना ख्याल सही से रखते हुए अपनी पढ़ाई कैसे कंटिन्यू करें।
28 मई को ही क्यों मनाया जाता है ये दिन?
पीरियड्स में हाइजीन की नॉलेज की कमी को देखते हुए साल 2014 में जर्मनी की एक एनजीओ "वॉश" ने 28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मानाने का प्रस्ताव रखा था। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि आम तौर पर मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का होता और मेंस्ट्रुएशन कुल 5 दिन का होता है। इसलिए साल के पांचवे महीने के अट्ठाईसवें दिन को इसे मानाने का फैसला लिया गया।
क्यों ज़रूरी है मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे?
मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे को मानना बहुत ज़रूरी है। इस दिन हमारी यहीं कोशिश होनी चाहिए की हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पीरियड्स की सही जानकारी पहुँचाए और इसके प्रति समाज में जो भी स्टिग्मा फैला है उसे ख़तम करने में अपना योगदान दें।