Why Women Need Permission For Everything? सदियों से चली आ रही प्रथा है की लड़किया ये नहीं कर सकती या वो नहीं कर सकती। भले ही आज काफी कुछ बदल गया हो लकिन कई चीज़े है जो आज भीं नहीं बदली है। कई जगह में तो आज भी लड़कियों से पूछा ही नहीं जाता कि वो पढ़ना चाहती है भी या नहीं, उन्हें पढ़ने ही नहीं दिया जाता। पैदा होने से लेकर नौकरी तक माँ भाप की बाते माननी पड़ती है। फिर चाहे वो अपने मन के कपडे पहनना हो या 10th के बाद कोनसी स्ट्रीम लेनी हो उसके लिए। कौनसा कॉलेज लेना है या कौनसा कोर्स लेना है , ये सब भी पूछ कर करना होता है।
औरतो की कहानी सिर्फ कॉलेज तक ही नहीं है, कॉलेज के बाद शादी। कई लड़कियों से तो पूछा ही नहीं जाता की वो शादी करना चाहती है या नहीं, इसके अल्वा कइयों ने तो लड़का ही नहीं देखा होता है जिससे वो शादी करने वाली है। औरतो की ज़िन्दगी में कोई फैसला बिना मर्द के या बिना किसी इंसान से पूछे ले ऐसा बहुत काम हुआ है।
महिलाओ को हमेशा क्यों मांगनी पड़ती है इजाजत ? (Why Women Need Permission For Everything? )
औरते अपने फैसला खुद चुन सकती है उन्हें पूरा हक़ है। लड़कियों को शादी के बाद भी जॉब करनी है इसके लिए भी वो पहले अपने हस्बैंड और ससुराल वालो से पूछती है। जबकि उसका पूरा हक़ है पढ़ने का, जॉब करने का। एक लड़की जो की इतनी म्हणत से कॉलेज तक पढ़ी, उसके पापा ने सब खर्चा किया पढाई का और शादी के बाद वही लड़की घर में बहैठी हो ?
बहुत सारी चीज़े बदल गयी है बूत कई चीज़े अभी वैसी की वैसी ही है। जब औरत प्रेग्नेंट होती है तो ,वो ये बच्चा चाहती है या नहीं, उसे एबॉर्शन का हक़ भी उसके हाथ में नहीं होता। ये समझा गया है की, औरते अपने खुद के फैसले नहीं ले सकती है, फिर चाहे वो उनकी ज़िन्दगी से जुड़ा हो या उसके आस पास की चीज़ो से हो।