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क्या आप वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करना चाहते हैं? ये हैं 6 आसान तरीके

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Swati Bundela
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अगर आप वर्किंग वुमन हैं तो आप अक्सर खुद को अपनी वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच उलझता पाती होंगी। और आपकी कोशिश रहती होगी कि कैसे भी आप दोनों के बीच एक बैलेंस बना पाएँ। यहाँ हम आपको अपनी वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच बैलेंस बनाने के लिए 6 बेहद आसान तरीके बताएंगे। इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी लाइफ को बैलेन्स्ड और हेल्दी बना पाएंगी।

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वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस कैसे करें - :



1. अपनी प्राथमिकता को तय करें ।

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मान लें कि आपको ऑफिस का कुछ बेहद जरूरी काम है और आपके घर में सब कुछ ठीक चल रहा है, तो ऐसे  वक्त में आपके लिए जरूरी है कि आप अपने ऑफिस के काम को प्राथमिकता दें। साथ ही , गैर-जरूरी चीजों को करने से बचें। और ठीक दूसरी तरफ अगर आप ऑफिस में है और आपके परिवार को आपकी जरूरत है तो आपको ऑफिस से कुछ देर की छुट्टी लेकर, अपने परिवार को प्राथमिकता देनी चाहिए।



वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं को तय करना बेहद जरूरी होता है। ताकि आप हर जरूरी चीज़ को ज्यादा समय दे पाएँ और आपका काम ठीक समय से पूरा हो जाये। इससे आपका टेंशन कम होगा और जरूरी काम पूरा होने के बाद आप नई चीजों पर ठीक-से ध्यान दे पाएंगे।
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2. खुद को खुश रखें।



वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पूरा करते - करते, खुद को तनावग्रस्त न करें। अपनी प्राथमिकताओ में खुद की खुशियों को भी शामिल जरूर करें। हर वो चीज़ के लिए समय निकालें, जिसको करने से आपको खुशी और मन को शांति मिलती हो।
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ध्यान रखें कि यदि आप खुश नहीं होंगी तो आप किसी भी जिम्मेदारी को अच्छे से नहीं निभा पाएंगी और तनाव से ग्रस्त हो जाएंगी। इसलिए खुद की खुशियों को बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें और उन खुशियों को पूरे मन के साथ जीयें।

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3. प्रैक्टिकल टारगेट रखें।



हम सभी को अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए, एक टारगेट जरूर बनाना चाहिए। अब टारगेट चाहे हर रोज का हो हफ्ते या महीने का, पर होना जरूर चाहिए। अब इस कड़ी में यह बात जरूर ध्यान रखें कि आप एकदम प्रैक्टिकल टारगेट बनाएँ। यानि अपने टारगेट को अपने मौजूदा हालातों को ध्यान में रखके बनाएँ। क्या संभव है और क्या नहीं, इस बात का भी आपको ध्यान होना चाहिए।

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ऐसा सब इसलिए क्योंकि एक प्रैक्टिकल टारगेट हमारी लाइफ में बैलेंस लाने में मददगार साबित होता है। और साथ ही उनका पूरा होना हमारे अंदर सैटिस्फैक्शन देता है और उससे हमें खुशी मिलती है। अपनी कोशिश रखें, रोजाना अपने काम की सूची बनाने की और उनको पूरा करने की।

4. ऑफिस की टेंशन ऑफिस में ही रखें ।

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यह एक सुखी और बैलेन्स्ड जीवन का मूल मंत्र है कि ऑफिस की टेंशन को ऑफिस में ही रखना चाहिए। साथ ही घर की चिंताओं को भी ऑफिस नहीं लेकर जाना चाहिए।



ऑफिस में प्रोफेशनल की तरह बर्ताव करें व घर की चिंताओं से मुक्त रहें। और ऑफिस का सारा काम वहीं खत्म करके, वहाँ की कोई टेंशन घर न लाएँ।

5. जीवनसाथी की लें मदद ।



एक वर्किंग वुमन होने के नाते, आपके ऊपर घर और ऑफिस दोनों को बखूबी रूप से निभाने का प्रेशर रहता है। इस प्रेशर को झेलते हुए खुद को परेशान न होने दें। और इस मामले में अपने जीवनसाथी से बात कर उनकी मदद लें। उनसे बिना किसी हिचक के सारी बातें करें और फिर दोनों मिल कर घर- परिवार की सारी जिम्मेदारियों को आपस में बांट लें। इससे आपकी परेशानी कम हो जाएगी और काम भी आसानी से मिल- बांट कर हो जाएंगे।

6. सेहत पर ध्यान देना जरूरी ।



जितनी यह बात आम-सी लगती है उतनी ही जरूरी भी है। वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते, आप अपनी सेहत को कहीं पीछे न छोड़ दें इसलिए आपको अपनी सेहत पर जरूर ध्यान देना चाहिए।



भले ही, आपका शेडयूल कितना भी व्यस्त क्यों न हो, अपनी सेहत के लिए थोड़ा वक्त ज़रूर निकालें। सुबह व्यायाम करने से दिन भर आपका दिमाग अच्छा और स्थिर रहेगा। इससे तनाव तो कम होगा ही, आप ऊर्जावान भी महसूस करेंगी। साथ ही शरीर को आराम देने और उसे रिलैक्स करने के लिए हफ्ते के आखिर में आप मसाज जैसी चीजें भी करवा सकती हैं, इससे आपके साथ ही आपकी मांसपेशियां भी तनाव मुक्त हो जायेंगी।



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करियर वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस कैसे करें
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