Advertisment

युवा वर्ग को "कंसेंट" के बारे में क्या जानकारी होनी चाहिए?

author-image
Swati Bundela
New Update


Advertisment

सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है की आप कंसेंट से क्या समझते हैं। अक्सर हम कंसेंट को सेक्स के साथ एसोसिएट कर देते हैं। पर कंसेंट का अर्थ इससे कहीं ज्यादा ब्रॉडर है। कंसेंट का मतलब है आपकी परमिशन, सहमति, रज़ामंदी। इसका मतलब है खुद के और दूसरों की चॉइसेस का आदर करना। युवा वर्ग कंसेंट



Advertisment


युवाओं को कंसेंट की जानकारी इन कारणों से ज़रूरी है

Advertisment



Advertisment

1) आपका कंफर्टेबल होना ज़रूरी है


Advertisment



Advertisment

कंसेंट का सबसे इंपोर्टेंट प्वाइंट यह है कि आप जो भी कर रहे हैं उसमें आप कंफर्टेबल हो, खुश हो। अगर आपको किसी भी वक्त लगता है कि आप कंफर्टेबल और अच्छा महसूस नहीं कर रहे, तो आपको पीछे हटने का पूरा हक है। इसी के साथ यह भी ज़रूरी है कि आपका पार्टनर भी सेम टाइम पर आपके साथ कंफर्टेबल हो।युवा वर्ग को कंसेंट



Advertisment


2) स्कूल लेवल पर शिक्षा ज़रूरी





इनिशियल स्कूल ईयर्स में यह सीखना आवश्यक है कि एक - दूसरे की पर्सनल बाउंड्रीज को केसे समझे और साथ ही उनका आदर करें। जैसे कि हम यह सीखा सकते हैं की हम अपने खिलौने शेयर करना चाहिए या नहीं, हमें किसको गले लगाना है और किसे नहीं। जब बच्चे थोड़े बड़े हो जाए तो उन्हें फिर पब्लिक और प्राइवेट बॉडी पार्ट्स के बारे में और गुड टच एवं बैड टच के बारे में भी बताएं।





3) टीनेज पर ये शिक्षा दें





जब बच्चे टीनेज में पहुंचे तब उन्हें इंटिमेट और सेक्सुअल सिनेरियो को डिफरेंट एंगल्स से बताएं। तब उन्हें कंसेंट और उससे जुड़ी बातें कहें। उन्हें ये बताएं कि यह बात उनके सोशल मीडिया यूसेज पर कैसे प्रभाव डालती है। यंग स्टूडेंट्स का यह सीखना आवश्यक है कि कोई भी सैक्सुअल एक्टिविटी किसी के साथ होती है, नाकि किसी पर।युवा वर्ग को कंसेंट





4) ना कहना भी सीखिए





कंसेंट का ये मतलब नहीं है कि अगर आपके पार्टनर ने एक बार हाँ कही है तो वे दूसरी बार भी उसके लिए तैयार हैं। अगर आप सेक्स के लिए तैयार नहीं है तो आपको ना कहने का पूरा राइट है। कई बार पीयर प्रेशर या फ्लेक्स कल्चर के कारण बच्चे इसका शिकार भी बन जाते हैं। इसलिए इसे पूरी तरह समझें और फिर ही कोई कदम उठाएं।





5) अपने पार्टनर की राय जाने





कंसेंट का यह भी मतलब नहीं है कि आपका जो जी आए आप वो करें जब तक आपका पार्टनर नो न कहे। हर कोई चाहेगा कि उनका पार्टनर सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान उनके साथ एंथूसिएस्टिकली इन्वॉल्व हो। आपको आपके पार्टनर की बॉडी लैंग्वेज पढ़नी आनी चाहिए। आपको ये पता होना चाहिए कि आपका पार्टनर उस एक्टिविटी को एंजॉय कर भी रहा है या नहीं। युवा वर्ग कंसेंट


सोसाइटी रिलेशनशिप
Advertisment