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नेतृत्व का कोई लिंग नहीं होता
सेक्सिस्म और पितृसत्तात्मकता की वजह से लगता है की एक नेता आदमी की तरह होता है। यह सबसे गलत धारणा है। एक नेता कार्यस्थल के नेतृत्व के लिए होता है। लिंग से इसका कोई मतलब नहीं है। वीमेन राइटर्स फेस्ट में लेखिका सोनू भसीन ने नेतृत्व पर बात की।
सुर्ख़ियों में आने से न डरें
यह डर लोगों को बाहर आने से रोकता है। लेकिन, महिलाओं में इसे संभालने की शक्ति होती है। यह असहमति व निराशा ला साकता है। लेकिन महिलाओं को खुद को दूसरों के सामने स्वीकार करना चाहिए।
अक्सर बोलिये
अपने हक़ के लिए खड़ा होना और अपनी ज़रूरतों के लिए पूछना पहला कदम है। जो आपसे आगे हैं, उनसे सीखिए। अगर आप खुद के लिए नहीं खड़ी होंगी, तो आप हमेशा एक "ना" सुनेंगी।
साहस दिखाइए
खुद को स्वीकार करके साहस दिखाना और अपनी तरफ से सही काम करना जरुरी है। यह आपको दूसरों के सामने उदाहरण बना देगा। साथ ही दूसरे लोग भी अपनी क्षमता और कौशल को पहचानेंगे।
अनुरंजिता कुमार आरबीइस में मानव संसाधन की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनके अनुसार हर महिला एक नेता है। "मेरी नौकरानी के तीन बच्चे हैं और वह बहुत मेहनत करती है। इसलिए मेरी नज़र में वह एक नेता है"।
अपनी क्षमता को बढ़ाएं
एक महिला नेता की तरह आपके पास यह अधिकार है कि आप अन्य महिलाओं की प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें आगे लाएं। अपना ध्यान उन कहानियों में लगाएं जो अन्य महिलाओं को प्रेरित करती हैं।
महिलाएं खुद पर निश्चित रूप से शक करती हैं। लेकिन इससे ख़त्म करने के लिए खुद पर और अपनी क्षमता विश्वास करना ज़रूरी है।
पुष्टि के लिए मत देखिये
दूसरों से इस बात की मान्यता मत लीजिए। एहसास करें कि आप जो हैं, अच्छे हैं। स्वस्थ आलोचना नेतृत्व के लिए अच्छी होती है।
गिन्नी रोमेटी कहती हैं - "किसी भी नेता की सबसे ज़रूरी बात यह होती है कि उससे किसी दूसरे को उसे परिभाषित करने का मौका नहीं देना चाहिए। मैं खुद को किसी कंपनी का सीईओ नहीं बल्कि एक महान संसथान का भण्डार समझती हूँ
"।
महसूस करें की आप अच्छी हैं
गलत विचारों को अपने पास न आने दें। आत्म-पुष्टि के लिए काम करें। अंत में यह आपका करियर है और इसे संभालना आपके हाथों में है। यह सिद्द है की महिलाओं में बहुत भावनात्मक बुद्धिमता होती है जो नेतृत्व के लिए काफी ज़रूरी है। इसलिए अपने काम करने के तरीकों को सराहें।
कभी न हिचकें
अगर आपको कोई फीडबैक देना है, तो हिचकिचाने की ज़रूरत नहीं है। सच चाहें कितना भी मुश्किल हो, लेकिन अपनी राय में ईमानदार रहें। बातचीत सीधे तरह से करें और दूसरों के विचार भी समझें।
बैंकर और कॉर्पोरेट लीडर शिंजिनी कुमार का मानना है कि महिलाऐं ज्यादा से ज्यादा रोल मॉडल्स बनातीं हैं।
रणनीतिक सोच पर ध्यान दें
अच्छा नेता बनने के लिए रणनीतिक सोच पर ध्यान देना ज़रूरी है। रणनीति हमें समस्याओं को पहचानने और उन्हें ख़तम करने में मदद करती है। महिलाओं के अंदर लम्बी योजनाएं बनाने की शक्ति होती है। साथ ही, उन्हें बिज़नेस के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने की कोशिश करनी चाहिए।
शीदपीपल.टीवी की संस्थापक शैली चोपड़ा ने कहा कि - "यह विचार नेतृत्व को आदर्श बनाने के स्थान पर सामान्य बनाने के लिए होना चाहिए"। महिलाएं खुद पर निश्चित रूप से शक करती हैं। लेकिन इससे ख़त्म करने के लिए खुद पर और अपनी क्षमता विश्वास करना ज़रूरी है।
पढ़िए: महिलाओं के लिये मार्केटिंग: कंपनियां कैसे पहुंच रही है महिलाओं तक
यह इंटरव्यू पहले भावना बिष्ट ने अंग्रेजी में लिया था ।