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हमारा समाज सेक्स को एक गलत शब्द क्यों मानता है?

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Swati Bundela
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सेक्स एडुकेशन के बारे में बात कर हम शारीरिक संबंधों के बहाने हुए गलत कामों को रोक सकते हैं। यूनेस्को के रिपोर्ट के अनुसार कंप्रेहेंसिव सेक्सुअलिटी एडुकेशन का कहना है कि सेक्स एडुकेशन देना अत्यंत आवश्यक है ताकि लोग एक सुरक्षित और स्वास्थ्य शारीरिक जीवन जी सके। इसके बारे में पढ़ने से लोगों में महिलाओ के प्रति इज़्ज़त बढ़ेगी और उनकी शोषण होना कम होगा। शारिरिक हानि, रेप और मानहानि को रोका जा सकता है क्योंकि अगर उन्हें इस बारे में पढ़ाया जाएगा उन्हें सेक्स और एक्सप्लॉइटशन के बीच फर्क समझ आएगा।

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कैसे बनें हम सेक्स पोसिटिव समाज? (sex positivity in hindi )

1. सेक्स शब्द को एक अच्छे तरह से देखना

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पहली बात ये होनी चाहिए कि हमें सेक्स को एक अच्छे ढंग से देखना चाहिए। सेक्स प्यार जताने का एक तरीका है तो फिर ये घिन्न कैसे हो सकता है? सेक्स एक ग़लत चीज़ नहीं है बल्कि हमनें इसे ऐसा बना दिया-पाप भरा। जैसे कि विवाह के पहले सेक्स करने को ग़लत समझा जाता था, एक शर्मनाक कार्य पर अगर आप विवाह के बाद ये करते हैं चाहे आप वो ज़बरदस्ती करें या खुशी खुशी, वो समाज को स्वीकार है।

सेक्स एक पोसिटिव एमोशन है और इसे ऐसे सोच तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इसे शर्मनाक तौर से नहीं बल्कि प्यार से देखा जाना चाहिए।
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2. इज़्ज़त करना


सेक्स को लेकर सही सोच रखना और इसे कम ज़रूरी न समझना। ये प्यार जताने का आपका तरीका होता है और खुद को शारीरिक और मानसिक तौर से खुश रखना है।
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3. सबको जागरुक करना


अपने दोस्तों से बात करें। उनके सामने परिस्थितियों को रखना। लोगों को इसके बारे में बात करना अजीब नही लगेगा। इसका ये मतलब भी नहीं है कि आप हर एक से इसके बारे में बात कर रहें हैं।
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4. सेक्स और वल्गरिटी (vulgarity) में फर्क


हमें सेक्स और असभ्यता में फर्क करना आना चाहिए। गंदे जोक और स्वास्थ्य शारीरिक बातें करने में फर्क है। तो आइए समाज को सेक्स पोसिटिव बबनाये, और इसके बारे में और बात करें।
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पढ़िए : जानिए अपने बच्चों को किस तरह सेक्स एजुकेशन दें

सेहत sex positivity in Hindi
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