The Color Of Women Empowerment Bloomed On The Moon: कल जब 'विक्रम' ने चांद पर लैंड किया तो उन 140 करोड़ भारतीयों की दुआओं को सफल होते देखा गयाI सभी भारतवासियों के लिए यह एक गर्व की बात है कि भारत देश वह चौथा देश बना जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग को मुमकिन कर दिखायाI परंतु यह मिशन उन सभी वैज्ञानिकों के कारण ही सफल हो पाया है जिन्होंने अपने जज़्बे और समर्पण से इस सपने को असलियत में बदलाI लेकिन क्या आपको पता है कि इन वैज्ञानिकों की टीम में कई महिलाएं भी हैं जिनके बिना यह मिशन कामयाब ना हो पाताI
चंद्रयान-3 में नारी शक्ति का योगदान
हालांकि यह मिशन एक ऑल मेन मिशन था और एकाधिक पुरुष ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई परंतु हम दो अहम व्यक्तियों का नाम नहीं भूल सकते जिनकी साझेदारी के कारण ही आज हम चांद पर जा सके-
डॉ. ऋतु करिधाल श्रीवास्तव
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अर्थात इसरो की सीनियर साइंटिस्ट Dr. Ritu Karidhal Srivastava जिन्हें हम भारत की 'रॉकेट वूमेन' के नाम से जानते हैं, उनके नेतृत्व में आज चंद्रयान-3 का मिशन सफल हो पाया हैI उन्होंने न केवल चंद्रयान-3 में बल्कि चंद्रयान-2 में भी मिशन डायरेक्टर के तौर पर अपना सहयोग दिखाया है बल्कि चंद्रयान-1 का भी वह हिस्सा रह चुकी हैं एवं मंगलयान की वह डेप्यूटी ऑपरेशंस डायरेक्टर थींI
कल्पना के
कल्पना के चंद्रायन-3 की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैंI कल्पना जी कॉविड के वक्त इतनी मुश्किलों के बावजूद भी चंद्रयान-3 की टीम को काम करने की प्रेरणा दीI वह एक ऐसी इंजीनियर हैं जिन्होंने अपना जीवन भारत की सैटेलाइट बनाने के लिए समर्पित किया हैI वह चंद्रयान-3 के अलावा चंद्रयान-2 एवं मंगलयान दोनों मिशनों में भी शामिल रह चुकी हैंI
54 महिलाओं की टीम
चंद्रयान-3 के पूरे मिशन में शीर्ष नेतृत्व में पुरुष भले ही हों लेकिन एक बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी इसमें भाग लियाI आपको जानकर खुशी होगी कि 54 महिला वैज्ञानिकों व इंजीनियरों ने प्रत्यक्ष रूप से इस मिशन में काम किया हैI इसरो के ऑफिशियल के अनुसार "यह महिलाएं विभिन्न प्रणालियों के एसोसिएट एवं डेप्यूटी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और प्रोजेक्ट मैनेजर हैंI"
आज न केवल भारत में बल्कि चांद पर भी महिलाओं ने अपनी सफलता का परचम लहराया हैI