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आज है Basant Panchami, जानें ये 10 बातें

बसंत पंचमी, जिसे वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत और दुनिया भर में हिंदू समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक जीवंत त्योहार है। चलिए आज इसके बारे में 10 बातें जानते हैं-

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Rajveer Kaur
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Basant Panchami

10 Things About Basant Panchami 2025: भारत देश विविधताओं से भरा हुआ देश है यहां पर हर राज्य की अपनी संस्कृति, त्यौहार, व्यंजन, भाषा और लोकगीत हैं। ऐसे में हर महीने कोई ना कोई त्यौहार आता ही रहता है। फरवरी के महीने में पूरे देश में बसंत पंचमी मनाई जाती। बसंत पंचमी, जिसे वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत और दुनिया भर में हिंदू समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक जीवंत त्योहार है। चलिए आज इसके बारे में 10 बातें जानते हैं-

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Basant Panchami 2025 के बारे में जानें ये 10 बातें

1. बसंत पंचमी में वसंत यानी Spring और पंचमी का मतलब बसंत के मौसम का पांचवां दिन होता है जिस दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। यह हिंदू चंद्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में पड़ता है।

2. यह दिन पर सरस्वती को समर्पित है जो ज्ञान, संगीत, कला और बुद्धि की देवी हैं। इस मौके पर श्रद्धालू ज्ञान की देवी की पूजा करते हैं और शिक्षा से जुड़े कार्यों में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।

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3. बसंत पंचमी के उत्सव में पीले रंग का खास महत्व रहता है। यह रंग इस मौसम में खिले हुए सरसों के फूलों की तरफ इशारा करता है जो इस मौसम में खिलते है। इस दिन पर लोग पीले कपड़े पहनते हैं, देवी को पीले फूल चढ़ाते हैं और केसर चावल जैसे पीले भोजन भी पकाते हैं।

4. यह दिन बच्चों की औपचारिक शिक्षा शुरू करने के लिए शुभ दिन है। इसलिए माता- पिता बच्चे को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं। इसे "अक्षराभ्यासम" या "विद्या आरम्भम" के रूप में जाना जाता है। इसके साथ ही कॉपी किताबों की भी पूजा की जाती है।

5. सरस्वती ज्ञान के साथ-साथ संगीत और कला की भी देवी हैं, इसलिए यह त्यौहार संगीत से जुड़े लोगों के लिए भी बहुत खास होता है और इस दिन वाद्य यंत्रों की भी पूजा की जाती है। 

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6. उत्तर भारत में, विशेष रूप से पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में, पतंग उड़ाया जाता है। बाजार पतंगों से सजे होते हैं। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भरा होता है, जो इसे एक शानदार नज़ारा बनाता है।

7. इस दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद, पूजा के लिए सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जाती है। पूजा के बाद सभी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ प्रसाद खाते हैं।

8. बसंत पंचमी को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। कुछ लोग इसे माता सरस्वती के साथ जोड़ते हैं लेकिन यह भी कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने इस दिन सृष्टि की रचना की थी। मत्स्य पुराण के अनुसार प्रेम के देवता कामदेव को उनकी पत्नी रति ने भगवान शिव की तपस्या से पुनर्जीवित किया था।

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9. 2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाया जा रहा है जो माघ महीने का हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवा दिन है।

10. इस दिन लोग अलग-अलग खाने बनाते हैं जैसे कि केसर चावल, बूंदी लड्डू और केसर हलवा जो इस त्यौहार को जीवित रखते हैं।

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