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Photograph: (hindustantimes/outlooktraveller)
What Special Plans Do Women Make for Holi: होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि तैयारियों और खुशियों का संगम है। खासतौर पर महिलाओं के लिए, यह सिर्फ एक दिन की नहीं, बल्कि कई दिनों की प्लानिंग और मेहनत का नतीजा होता है। घर की सफाई, गुझिया और पकवानों की तैयारी, नए कपड़ों की खरीदारी और रंगों का चयन-हर चीज़ की एक अलग ही धूम रहती है। इस लेख में हम जानेंगे कि महिलाएँ होली से पहले कैसी तैयारियाँ करती हैं और फिर त्योहार के दिन उन तैयारियों को किस तरह पूरे जोश और मस्ती के साथ अंजाम देती हैं।
रंगों से पहले तैयारियों की धूम, होली पर महिलाओं की क्या होती है खास प्लानिंग
होली की तैयारी और उसका मजा हर परिवार के लिए अलग हो सकता है, लेकिन इसका मकसद एक ही होता है - सबको साथ लाना, प्यार बढ़ाना और खुशी के रंगों में रंग जाना। होली का त्योहार आते ही हर घर में तैयारियों की हलचल शुरू हो जाती है, और इस तैयारी की कमान अक्सर महिलाओं के हाथ में होती है। होली सिर्फ रंग खेलने का दिन नहीं, बल्कि इससे पहले की तैयारियाँ भी उतनी ही अहम होती हैं। घर की सफाई से लेकर पकवान बनाने तक, हर काम की एक तय समय सीमा होती है, और महिलाओं को हर चीज़ पहले से प्लान करनी पड़ती है ताकि त्योहार के दिन सबकुछ आसानी से हो सके।
घर की सफाई और सजावट
होली से पहले हर घर में सबसे पहला काम सफाई का होता है। चाहे वह दीवारों से जमी धूल हटाना हो या फर्नीचर को ठीक से जमा कर घर को नया लुक देना, महिलाएँ त्योहार से पहले इस पर पूरा ध्यान देती हैं। कई घरों में तो सफाई के साथ-साथ घर को थोड़ा सजाने की भी परंपरा होती है, ताकि मेहमानों का स्वागत अच्छे माहौल में किया जा सके।
खाने-पीने की तैयारियाँ
होली के मौके पर खासतौर पर गुझिया, पापड़, नमकीन और तरह-तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ये चीजें आखिरी वक्त पर बनाना मुश्किल होता है, इसलिए महिलाएँ कई दिन पहले से ही इनकी तैयारी शुरू कर देती हैं। आटा गूंधना, भरावन तैयार करना और फिर एक-एक करके गुझिया तलना - यह सब काफी मेहनत का काम होता है। साथ ही, त्योहार के दिन पकौड़े, ठंडाई और दूसरे खास व्यंजन बनाने की भी तैयारी होती है।
रंग और कपड़ों की खरीदारी
त्योहार के लिए नए कपड़े लेना भी एक अहम हिस्सा होता है। महिलाएँ खुद के लिए और परिवार के बाकी सदस्यों के लिए आरामदायक और स्टाइलिश कपड़ों का चुनाव करती हैं, ताकि वे रंग खेलने के साथ-साथ अच्छे भी दिखें। इसके अलावा, अच्छे और सुरक्षित रंगों की खरीदारी भी की जाती है, खासकर बच्चों के लिए, ताकि किसी को कोई एलर्जी या परेशानी न हो।
बच्चों और परिवार की देखभाल
होली के दिन बच्चे सबसे ज्यादा उत्साहित रहते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिलाओं पर ही होती है। वे पहले से ही ध्यान रखती हैं कि बच्चों को केमिकल वाले रंगों से बचाया जाए और उनके लिए ऐसे कपड़े रखे जाएँ, जो आसानी से धुल सकें। इसके अलावा, त्योहार के दिन खाने-पीने और बाकी तैयारियों को सही समय पर संभालने का जिम्मा भी महिलाओं का ही होता है, ताकि सबकुछ सुचारू रूप से हो सके।
समाज और रिश्तेदारों से मेल-जोल
होली सिर्फ घर तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह रिश्तों को और मजबूत करने का भी मौका होती है। महिलाएँ पहले से ही सोचती हैं कि किसके घर जाना है, और त्योहार को कैसे खास बनाया जाए। कई बार पारिवारिक मिलन और समाज के साथ होली मनाने के लिए विशेष प्लानिंग की जाती है, ताकि कोई छूटा न रह जाए।
अक्सर त्योहार से पहले हर घर में एक जैसी स्थिति होती है - क्या बनाया जाए, कौन से रंग लिए जाएँ, सफाई कब पूरी होगी, और त्योहार के दिन सब कुछ ठीक से होगा या नहीं? लेकिन जैसे-जैसे दिन करीब आता है, सारी तैयारियाँ पूरी हो जाती हैं, और अंत में होली के दिन सब कुछ खुशी-खुशी बीतता है। यही त्योहारों की असली खूबसूरती होती है - शुरू में हल्की परेशानी, फिर मेहनत और आखिर में ढेर सारी खुशियाँ।