Indian cinema: भारतीय सिनेमा में कुछ फिल्में होती हैं जो सामाजिक मुद्दों को उठाती हैं, साथ ही कलाकारों के प्रदर्शन द्वारा सोशल चेंज को भी प्रेरित करती हैं। यहां कुछ ऐसी फिल्मों का उल्लेख किया गया है जो भारतीय सिनेमा में सामाजिक सीमाओं को पार करती हैं। ये फिल्म समाज के कई ऐसे पहलू दिखाती है जिसके बारे में सब जानते तो है, पर कोई बात नहीं करता जिसे बदलना हमारे समाज के लिए अत्यंत जरुरी है, ताकि परिवर्तन लाकर प्रगती किया जा सके। चलिए कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जानते हैं।
ऐसी फ़िल्में जो भारतीय सिनेमा में सीमाओं को लांघती हैं
1. गली बॉय (Gully Boy)
इस फिल्म में, रणवीर सिंह और अलिया भट्ट ने लीड रोल निभाया है। यह फिल्म मुंबई की गलियों के गली-गली की कहानी है, जो रैप संगीत के माध्यम से अपनी आवाज़ को सुनाते हैं। इस फिल्म में दर्शाया गया है कि कैसे अपने सपनों के ऊपर काम करके गली का एक आम लड़का बड़ा रैपर बन जाता है। ये फिल्म बहुत प्रेरणादायक हैं।
2. "लिपस्टिक अंडर माइ बुर्का" (Lipstick Under My Burkha)
यह फिल्म महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह फिल्म समाज में नारीवादी दृष्टिकोण को उजागर करती है और महिलाओं की भूमिका को उनके पुराने संगीतों से संबंधित करती है। इस फिल्म में रत्ना पाठक, कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर ने मुक्य भूमिका निभाई है।
3. अंग्रेज़ी मीडियम (English Medium)
इस फिल्म में, इरफ़ान ख़ान ने मानवीय और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है। इस फिल्म की कहानी ये दर्शाती है कि एक लड़की किस तरह से अपने घर से निकल दूसरे देश जाकर आगे बढ़ती है। वही उसके पिता भी उसके साथ जाकर कई सारें बाउंड्री का सामना करते है। ये फिल्म काफी कुछ सिखाती है जिसे हर टीनएज को जरुर देखना चाहिए।
4. मसान (Masaan)
इस फिल्म में, विकी कौशल और श्वेता त्रिपाठी ने अपने शानदार अभिनय से अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया है। यह फिल्म वाराणसी के गलियों में घटित अनजाने हादसों की कहानी है, जो सामाजिक और मानवीय मुद्दों को उजागर करती है। इस फिल्म की कहानी बड़ी ही पसंद की जाती है, जोकि जीवन का नया सार सिखाती हैं।
5. दंगल (Dangal)
यह फिल्म महिला कुश्ती खिलाड़ियों के रोल में आमिर खान के प्रदर्शन के लिए जानी जाती है। यह फिल्म एक पिता के सपनों की ऊंचाई को प्रकट करती है, जो उनकी बेटियों के माध्यम से जाती में उत्पन हुए बड़े जेंडर गैप को दर्शाता है। एक पिता समाज के हर सीमा को तोड़कर अपनी बेटियों को देश का सबसे बड़ा कुश्ती खिलाडी बनाता है।