How Zindagi Gulzar Hai Became Popular: कुछ कहानियां होती हैं जो हमारे ज़हन में जीवन भर के लिए रह जाती हैं जिंदगी गुलज़ार है उनमें से एक हैI कहने को तो यह रोमांस ड्रामा है परंतु इसने हमें ज़िंदगी से जुड़े कई पाठ पढ़ाए, हमारा नज़रिया बदला, हमें खुद की जिंदगी से प्यार करना सिखाया और खुद पर विश्वास करना भीI इस शो की खासियत यह है कि इसकी कहानी जितनी सशक्त एवं प्रभावशाली है, इनके कलाकारों ने भी अपना चरित्र बखूबी निभाया जिससे कि हम खुद को उनमें ढूंढ पायेंI दूसरे टी.वी के कार्यक्रमों की तरह यह केवल हीरो एवं हीरोइन की लव स्टोरी नहीं है या फिर यह सास-बहू के बीच का मनमुटाव भी नहीं दिखाता जोकि इसे सबसे अलग बनाती हैI चाहे हालात जैसे भी हो लेकिन अच्छी विषयवस्तु को लोकप्रिय होने में देर नहीं लगतीI
आखिर ज़िंदगी गुलज़ार है इतना लोकप्रिय क्यों है?
1. कहानी
कराची शहर में दो भिन्न पारिवारिक माहौल एवं आर्थिक स्थिति में पले बढ़े कशफ और ज़ारून की अपब्रिंगिंग काफ़ी अलग हुई जिसके कारण उन दोनों की विचारधारा में ज़मीन आसमान का फर्क थाI एक ओर कशफ, जिसने ज़िंदगी में बहुत संघर्ष किया, अपनी मां की लाचारी देखी परंतु फिर भी वह एक सामर्थ्यवान औरत बनी तो वही ज़ारून है जिसे कभी भी किसी चीज़ की कमी नहीं हुईI उसे हर तरह की सुख-सुविधाएं प्राप्त हुई लेकिन जारून को प्यार, वह ममता नहीं मिली जो कशफ को मिली और कशफ को वह सुविधा प्राप्त नहीं हुई जो ज़ारून को मिलीI यही उन दोनों की ज़िंदगी से शिकायत है और यही इस कहानी का मूल संदेश है कि यदि ऊपर वाले ने ज़िंदगी दी है तो उसमें खामियां तो होगी परंतु जो आपको मिला है शायद कोई और उसके लिए तरसता है तो सब के साथ अपनी ज़िंदगी से प्यार करना सीखें क्योंकि 'ज़िंदगी गुलज़ार हैI' इस शो की एक और प्रेरणादायक बात यह है कि यहां किसी भी नारी को कमज़ोर नहीं दिखाया गया है चाहे उनके हालात जैसे भी हों लेकिन वह कभी किसी के सामने झुकी नहीं चाहे सामने वाला कितना भी प्रभावशाली या फिर पितृसत्तात्मक क्यों ना हो एक औरत को कभी किसी के लिए अपने उसूल और अपनी ज़मीन नहीं बदलनी चाहिए हर एक नारी सशक्त और आत्मविश्वासी थीI
2. किरदार
इस शो के किरदारों की अपनी-अपनी खूबी एवं खामियां हैंI एक तरफ़ कशफ है जिसके लिए अपना आत्मसम्मान सबसे बढ़कर हैI कहानी के हर मोड़ पर आप उसे एक औरत की लाचारी पर प्रश्न करते देखेंगे जो हमें इस समाज में औरतों की विकट परिस्थिति के बारे में सोचने पर मजबूर करती हैI लेकिन इन सबके बावजूद भी कशफ कभी टस से मस नहीं हुई, वह हम सबके लिए प्रेरणा बनी कि चाहे जीवन में किसी तरह की सुविधा हो या ना हो आपको कभी भी संघर्ष करने से पीछे नहीं हटना चाहिए, यदि आपकी शादी होने का यह मतलब नहीं कि आपको खुद से समझौता करना पड़े आपको अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीनी चाहिएI तो वही ज़ारून था जिसके पास सब कुछ होते हुए भी प्रेम और ममता की कमी थी परंतु उसकी खास बात यह है कि उसे पता है कि ज़िंदगी में सब कुछ शायद आपको हासिल ना हो परंतु फिर भी आपको ज़िंदगी जैसे अमूल्य भेंट से कभी शिकवा नहीं करना चाहिए और इससे केवल प्रेम करनी चाहिएI
3. किरदारों के बीच का प्यार
कशफ और ज़ारून जो एक दूसरे को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाते थे, उन्होंने वक्त के साथ-साथ एक दूसरे को समझाI जहां कशफ को अमीरों की जीवनशैली बिल्कुल भी नहीं भाति थी क्योंकि हर बार नीची श्रेणी के लोगों को ऊंचे श्रेणी के लोगों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैI यदि ज़ारून की बात है तो उसे लड़कियों का अत्यंत स्वतंत्र होना बिल्कुल भी पसंद नहीं था परंतु कशफ के साथ उसकी औरतों को लेकर सोच बदली और सम्मान भीI जितनी भी शो में आर्थिक-अंतर हो परंतु किसी भी परिवार ने किसी दूसरे परिवार का अपमान कभी नहीं कियाI
4. गाने
शो के दोनों गाने ही काफ़ी प्रचलित हैI अली ज़फ़र द्वारा गाया गया इसका टाइटल सॉन्ग 'ज़िंदगी गुलज़ार है' ज़िंदगी के बारे में है जो सुनने में काफ़ी दिलचस्प एवं आनंददायक है वही हादिका कियानी द्वारा 'ज़िंदगी खाक ना थी' काफ़ी भावुक एवं संगीन हैI दोनों गाने ही मन को छू जाने वाली हैं जो आपको जीवन के दो अलग-अलग पहलू के बारे में बताते हैंI