Financial Independence: महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता क्यो है ज़रूरी?

Financial Freedom महिलाओं को आत्मविश्वासी, सशक्त और निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। इससे न केवल उनका जीवन बल्कि परिवार और समाज भी मजबूत और समानता की दिशा में बढ़ता है।

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Deepika Aartthiya
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Photograph : (Freepik & Pinterest)

ज़माना बदल रहा है और इस बदलते दौर में महिलाओ कि भागीदारी पुरुषों से कम नहीं रह गई है। आज हर महिला आत्मनिर्भर बनना चाहती है, फ़िर चाहे वो पढ़ी लिखी हो या ना हो। लेकिन आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाओं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना बेहद ज़रुरी है। क्योंकि जब एक महिला फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस को चुनती है तो वो सिर्फ़ अपने जीवन को ही नहीं बल्कि पूरी पीढ़ी को बदलने की ताकत रखती है। फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस महिलाओ को कई मायनों मे स्वतंत्रता देता है चलिए जानते है कैसे?

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Financial Independence: महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता क्यो है ज़रूरी?

1. आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास (Self Sufficient & Self Confidence)

फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की सबसे पहली सीढ़ी है, महिला का आत्मविश्वासी होना। आर्थिक स्वतंत्रता (financial freedom) महिलाओं  को खुद पर और अपनी काबिलियत पर भरोसा करना सिखाती है। आत्मविश्वासी महिला अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए कभी किसी और पर निर्भर नहीं रहती है। आर्थिक तौर पर स्वतंत्र महिला अपने लिए सही गलत का चुनाव करना और ज़रुरत पड़ने पर लड़ना भी जानती है।

2. खुद के लिए Decisions लेना

जब एक महिला कमाती है तो समय के साथ वो अपने लिए डिसीजन्स लेने में भी सक्षम हो जाती है। उसे किसी तरह का डर या दबाव महसूस नहीं होता है। वो किसी और पर निर्भर रहती है। और यही उसकी नई पहचान बनाती है। अपने डिसीज़न्स खुद करने से उसके आत्म विश्वास में भी बढ़ोत्तरी होती है।

3. मानसिक और भावनात्मक मजबूती (Mental and Emotional Strength)

कई बार महिलाए केवल इसलिए अत्याचार सहती रहती है क्योंकि उनके पास कोई आर्थिक मदद नहीं होती और उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इसके चलते उन्हें मानसिक और भावनात्मक तनाव से गु्‌ज़रना पड़ता है।  लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम महिला न सिर्फ़ खुद को सुरक्षित महसूस करती है बल्कि अपनी इच्छाओं को पूरा करने और बेहतर जीवन जीने की स्वतंत्रता भी पाती है। 

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4. Gender Equality की ओर कदम

बदलते समय के साथ साथ लोगोम के लिए अब कमाने वाली महिलाओ को अनदेखा करना मुश्किल होता है। यहां तक कि उन्हें घर और समाज में बराबरी का दर्जा मिलने लगा है। और असल में यही से लैंगिक समानता की शुरुआत होती है।

5. अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा (Inspiration for Next Generation)

धन कमाना महिलाओ को आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक रुप से सशक्त बनाता है। आर्थिक रूप से मज़बूत महिला अपनी बेटियों को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देती है। आत्मनिर्भर महिलाएं आने वाले समय में अपने बेटों को महिलाओ समान रुप से देखने और उनका सम्मान करने की सीख देती है। यह बदलाव आने वाली पीढ़ियों की सोच को सकारात्मक बनाता है।

6. मुश्किल समय में अपनों का सहारा

कोविड-19 जैसी परिस्थितियों ने हमें सिखाया है कि केवल एक व्यक्ति की आमदनी पर निर्भर रहना कितना जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन अगर घर कि महिलाएं भी आर्थिक रूप से सक्षम हो, तो कठिन हालातों में भी परिवार मजबूती से एक दूसरें के साथ खड़ा रह सकता है।

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7. परिवार और समाज की मज़बूती

जब महिलाएँ कमाती हैं तो घर की आर्थिक स्थिति और भी बेहतर हो जाती है। इससे बच्चों की पढ़ाई, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ और सुरक्षित भविष्य संभव होता है। यही बदलाव धीरे-धीरे समाज को भी प्रगतिशील बनाता है। इस तरह से महिलाएं न केवल अपना बल्कि अपने पूरे परिवार का खयाल रख सकती है। इससे उसके आत्मविश्वास को भी बल मिलता है।

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