Binge Watching: आजकल ओटीटी प्लेटफार्म्स (OTT Platforms) में बिंज वाचिंग (Binge Watching) का क्रेज तेजी से चल रहा है। बिंज वाचिंग का अर्थ है किसी चीजो को लगातार बना रुके देखना। आज स्मार्टफोन की पहुंच हर हाथ तक होने से और एक से बढ़कर एक कॉनटेंट ओटीटी में आने से बच्चों और युवाओं की बिंज वाचिंग की आदत पड़ रही है।
बिंज वाचिंग (Binge Watching) आज एक ट्रेेंडिंग टर्म बन गया है। बिंज वाचिंग के पीछे कॉन्टेंट का दिलचस्प होना शामिल है। कॉन्टेंट को इस तरह बनाया जाता है कि उससे बेहतर कॉन्टेंट और कोई न हो, जिससे दर्शक उस कॉन्टेंट को देखने से रोक न पाएं।
बिंज वाचिंग दर्शक करते हैं। बिंज वाचिक के बहुत से शारीरिक और मानसिक नुकसान हैं। बिंज वाचिंग से दर्शकों के शरीर में बहुत-सी ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं जो दर्शकों को नुकसान पहुंचाती हैं। बिंज वाचिंग से जुड़ी जो समस्याएं हैं वो है, मोटापा, नींद न आना, खाने-पीने को त्यागना, दिनचर्या प्रभावित होना और तनाव में रहना आदि।
बिंज वाचिंग के नुकसान क्या हैं
बिंज वाचिंग (Binge Watching) से निम्नलिखित नुकसान हैं :-
नींद में दखल
सबसे पहला और बुरा असर बिंज वाचिंग का नींद न आना है। बिंज वाचिंग से दर्शकों की नींद प्रभावित हो रही है। लोग अपनी नींद को त्यागकर कंटेंट को लगातार देख रहे हैं।
तनाव बढ़ रहा है
नींद न आने से दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। दैनिक कार्यों के प्रभावित होने से दर्शक वर्ग अपने ऊपर बहुत-साा तनाव ले रहा है।
टाइम मेनेजमेंट न होना
बिंज वाचिंग एक टाइम मेनेजमेंट के साथ हो तो कोई नुकसान नहीं। सच बात ये है कि बिंच वाचिंग में टाइम मेनेजमेंट न होने के चलते बहुत-सी परेशानियां हो रही हैं।
आंखों में परेशानी
बिंज वाचिंग से आंखों के स्वास्थ्य पर बुड़ा असर पड़ रहा है। लगातार स्क्रीन को बिना रुके देखना, नींद पूरी न करने से आंखों में तनाव बढ़ रहा है जिससे आंखों की परेशानियां बढ़ रही हैं।
मोटापे की समस्या
एक ही जगह पर बैठकर, एक ही जगह पर खाकर लगातार बिना किसी गतिविधि के कंटेंट को देखना शरीर में मोटापा और वजन संबंधी परेशानियां पैदा कर रहा है।
उपर्युक्त कारणों के चलते जरूरी है बिंज वाचिंग पे लगाम लगाएंं। किसी कंटेंट को दूसरे दिन भी देखा जा सकता है, ऐसा मानते हुए चलने से बिंज वाचिंग को रोका जा सकता है। जरूरी है समय को महत्व देते हुए बिंज वाचिंग कभी-कभी करें, उसे हैबिट बनाने से बचें।